नहीं चलेंगे ओवरएज: भाजयुमो में अंडर 35 को ही मिलेंगे पद

प्रदेश भाजपा संगठन की नई कार्यकारिणी के साथ सात मोर्चा के अध्यक्ष भी घोषित हो गए हैं।

Updated On 2025-09-07 09:50:00 IST

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रायपुर। प्रदेश भाजपा संगठन की नई कार्यकारिणी के साथ सात मोर्चा के अध्यक्ष भी घोषित हो गए हैं। भाजयुमो का अध्यक्ष राहुल टिकरिहा को बनाया गया उनको अध्यक्ष बनाने के पीछे एक बड़ा कारण उनकी उम्र भी है। वे 35 साल से कम के हैं। इस बार तय है कि संगठन चुनाव में जिस तरह से मंडल अध्यक्ष के लिए 45 साल और जिलाध्यक्ष के लिए 60 साल उम्र की बाध्यता थी, उसी तरह से भाजयुमो अध्यक्ष के बाद अब अन्य पदाधिकारियों के लिए अंडर 35 साल की बाध्यता रहेगी। पिछली बार प्रदेश भाजयुमो की कार्यकारिणी में ओवरएज को पदाधिकारी बनाने के कारण बड़ा विवाद हुआ था। ओवरएज को बाहर करने की भी तैयारी थी, लेकिन ऐन समय पर भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के बदले जाने के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।

भाजयुमो की कार्यकारिणी का ऐलान इसी माह हो जाएगा। भाजयुमो के साथ ही सभी मोर्चा को अपनी कार्यकारिणी इस माह बनाने के निर्देश दिए गए हैं। भाजपा का राष्ट्रीय संगठन इस बार भाजपा संगठन के चुनाव को लेकर बहुत गंभीर है। बीते साल सितंबर में भाजपा के सदस्यता अभियान के बाद प्रदेश संगठन के चुनाव हुए तो इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि किसी भी हाल में मंडलों के अध्यक्षों की उम्र 45 साल से ज्यादा न हो। कुछ स्थानों पर तो जिनके नाम का समर्थन भाजपा के दिग्गज नेताओं ने किया था, उनकी उम्र ज्यादा होने के कारण उनको भी अध्यक्ष नहीं बनाया गया। इससे साफ है कि भाजपा इस बार कितनी गंभीर है। इसी तरह से जिलाध्यक्षों को लेकर भी 60 साल की उम्र सीमा का ध्यान रखा गया। पूरे प्रदेश में कहीं भी 60 साल से ज्यादा उम्र के किसी को भी जिलाध्यक्ष नहीं बनाया गया है।

अंडर 35 ही बनेंगे पदाधिकारी
यह बात तय है कि भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष की कमान जिस तरह से 33 साल के राहुल टिकरिहा को दी गई है, उससे साफ है कि उनकी कार्यकारिणी में भी सभी पदाधिकारी 35 साल से अंदर के होंगे। पिछली बार भी पहले अमित साहू को अंडर 35 होने के कारण अध्यक्ष बनाया गया था। लेकिन भाजयुमो की प्रदेश कार्यकारिणी को लेकर बड़ा विवाद हुआ। भाजपा के दिग्गज नेताओं के कहने पर कार्यकारिणी में कुछ ओवरएज नेताओं को पद दे दिए गए, लेकिन इसकी शिकायत उस समय की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी तक गई तो उन्होंने प्रदेश कार्यकारिणी के साथ पूरे प्रदेश के जिलाध्यक्षों की कुंडली भी बनवा ली। इसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी के साथ कुछ जिलों के अध्यक्षों को भी बाहर करने की तैयारी हो गई थी, लेकिन डी. पुरंदेश्वरी के प्रदेश प्रभारी के पद से हटने के बाद अंततः यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पिछली बार के विवाद को देखते हुए इस बार प्रदेश संगठन ने पूरी सावधानी रखने का फैसला किया है। ऐसे में तय है कि इस बार भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष के बाद प्रदेश कार्यकारिणी के साथ जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में अंडर 35 पर ही फोकस होगा

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