प्रोविडेंस इंग्लिश मीडियम स्कूल में आनंद मेला: बाल दिवस पर स्टॉल लगाकर छात्रों ने की वस्तुओं की बिक्री, लोगों ने उठाया लुत्फ
नगरी के प्रोविडेंस इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल में नेहरू जयंती पर आनंद मेला का आयोजन हुआ। जहां छात्रों ने विभिन्न स्टॉल लगाए।
बच्चों के स्टॉल में आनंद लेते हुए
गोपी कश्यप- नगरी। नगरी में पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर प्रोविडेंस इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल में आनंद मेला का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं के साथ-साथ पालकों की उपस्थिति अत्यधिक संख्या में रही छात्र-छात्राओं ने अलग-अलग स्टॉल लगाकर अलग-अलग वस्तुओं की बिक्री की। सभी छात्र-छात्राओं एवं पालकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।
इस अवसर पर बच्चों द्वारा अलग-अलग स्लॉट में लगाए गए सामग्रियां को देखकर सभी ने प्रसन्नता जाहिर की और बच्चों के प्रतिभा की तारीफ किया। विकल गुप्ता ने सभी छात्र-छात्राओं की उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में पारंगत होने की बात कही।
कार्यक्रम में सफल बनाने में इनका रहा सहयोग
इस सफल आयोजन के लिए संस्था के सभी शिक्षक-शिक्षकों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। जिसमें प्रमुख रूप से आनंद मेला व्यवस्था प्रभारी हेमराज हिरवानी ,कोशिश निर्मलकर, संगीता साहू, एस वर्मा, सुशीला साहू, किरण पटेल, मुनेश्वरी साहू, मोहन, नर्मदा साहू, अनीता कश्यप, अंजू साहू, सदिया मिर्जा, चित्रलेखा भानमती भंडारी, धात्री साहू का सहयोग प्रमुख रूप से रहा।
इनकी उपस्थिति में संपन्न हुआ कार्यक्रम
आनंद मेले का उद्घाटन पार्षद मिकी गुप्ता के हाथों संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रमुख प्रमुख रूप से संस्था के डायरेक्टर विकल गुप्ता संस्था के पूर्व प्राचार्य सुखराम सिन्हा, नंद कुमार प्रजापति, प्राचार्य सुनीता कश्यप, बन माला साहू, सुरेश यादव, रवि शंकर पांडे, मनीष ग्वाल, संदीप सोनी, दिनेश पटेल, मोहम्मद रियाज, निर्मल देवांगन, किंजल लाल देवांगन, दिनेश पटेल की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
बच्चों के अधिकारों, देखभाल और शिक्षा पर विशेष जोर
प्रतिवर्ष पूरे भारत में बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। बता दें कि, पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों से अत्यधिक प्रेम करते थे और सभी बच्चे उन्हें 'चाचा नेहरू' के नाम से पुकारते थे। उनका यह मानना था कि, बच्चे देश का भविष्य हैं और उनके कल्याण और शिक्षा पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है। इस दिन का उद्देश्य समाज में बच्चों के अधिकारों, देखभाल और उनकी शिक्षा के महत्व को उजागर करना है।