धान खरीदी के इंतजामों में मुंगेली जिला अव्वल: टोकन लिमिट बढ़ने के बाद हो रही बम्पर खरीदी, अवैध धान के खिलाफ बरती जा रही सख्ती

मुंगेली जिले में धान समर्थन मूल्य योजना पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित हो रही है। इंटीग्रेटेड कंट्रोल-कमांड सेंटर से निगरानी से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

Updated On 2025-12-17 12:06:00 IST

धान समर्थन मूल्य योजना (File Image) 

सैय्यद वाजिद- मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में किसानों का उत्सव कहे जाने वाला धान समर्थन मूल्य योजना सुचारू रूप से संचालित है। दिन प्रतिदिन किसानों से आए समस्या का समाधान करते हुए राज्य शासन के मंशा अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा किसानों की सुविधा को बढ़ाते हुए किसानों के एक-एक दाना धान को खरीदी करने की प्रतिबद्धता है।

बम्फर धान की आवक से किसानों के टोकन, खरीदी से लेकर भुगतान तक खासा ध्यान रखा जा रहा है। अवैध धान को लेकर प्रशासन बेहद सख्त है ताकि मूल किसान का धान छूटने न पाए और बिचौलियों का धान खपाया न जा सके। कलेक्टर कुंदन कुमार के नेतृत्व में मुंगेली जिले में विष्णु के सुशासन सरकार की धान समर्थन मूल्य योजना के तहत किसानो की धान खरीदी सुचारू रूप से जारी है। यही वजह है कि, राज्य में मुंगेली जिला डीओ जारी करने और प्रतिदिन टोकन की लिमिट के मामले में प्रथम स्थान पर है।


बम्फर धान की होगी आवक, प्रशासन है मुस्तैद
राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन 15 नवम्बर 2025 से प्रारंभ किया गया है। मुंगेली जिले के 66 समितियों के 105 उपार्जन केंद्रों में धान की खरीदी किसानों से की जा रही है। इस वर्ष 1 लाख 7 हजार से अधिक किसानों ने धान समर्थन मूल्य में अपना धान बेचने के लिए पंजीयन करवाया है। धान उपार्जन की प्रक्रिया को अधिक कृषक उन्मुख, दक्ष और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य इसकी सतत निगरानी प्रशासन के द्वारा की जा रही है। मुंगेली कलेक्टर कुंदन कुमार ने धान समर्थन मूल्य योजना के तहत इस वर्ष अब तक 35 से अधिक आदेश जारी किए है। जो यह स्पष्ट करता है कि, किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नही की जाएगी। उपार्जन केंद्रों में धान के उचित रखरखाव और किसानों की सुविधाओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए उपार्जन केंद्र प्रभारियों और सहकारिता विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए है।

टोकन लिमिट बढ़ी
'तुंहर टोकन, तुंहर हाथ' एप के माध्यम से किसान ऑनलाइन 70 प्रतिशत और समिति के माध्यम से 30 प्रतिशत टोकन कटवाकर अपना धान समय पर समिति केंद्रों में बेच सकते है। 'तुंहर टोकन, तुंहर हाथ' के माध्यम से पहले प्रतिदिन 88 हजार टोकन की लिमिट थी, जिसे मुंगेली कलेक्टर के प्रयास से अब 1 लाख 23 हजार टोकन की लिमिट बढा दी गई है।

किसान 24 घंटे काट सकेंगे एप के माध्यम से अपना टोकन
वहीं किसानों के टोकन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 24 घण्टे ऑनलाइन के माध्यम से टोकन ले सके ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान प्रतिदिन अपना धान बेच सके। सरकार द्वारा किसानों से एक-एक दाना धान खरीदे जाने की प्रतिबद्धता को पूर्ण करने के लिए समिति और जिला स्तर के अधिकारियों की संवेदनशीलता और तत्परता, धान उपार्जन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि, किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा या समस्या का तत्काल निराकरण किया जाए।

इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से सतत निगरानी
मुंगेली जिले के धान खरीदी के नोडल अधिकारी जी एल यादव ने बताया कि, राज्य शासन द्वारा धान उपार्जन और निराकरण प्रक्रिया में संभावित अनियमितताओं को नियंत्रित करने के उद्देश्य से जिला स्तर पर ‘इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर’ की स्थापना किया गया है। इस संदर्भ में मोबाइल एप के माध्यम से विभिन्न प्रकार के अलर्ट के निराकरण की प्रक्रिया पर संबंधित अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसके लिए पर्याप्त मानव संसाधन और तकनीकी अधोसंरचना की उपलब्धता के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन जिला अधिकारियों को प्रदान किया गया है, जिसे निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण करना अनिवार्य किया गया है।

संवेदनशील और अतिसंवेदनशील उपार्जन केंद्रों पर विशेष निगरानी
जिले के उपार्जन केंद्रों को पूर्व वर्षों में दर्ज प्रकरणों और संभावित अनियमितताओं के आधार पर अतिसंवेदनशील, संवेदनशील और सामान्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील और अतिसंवेदनशील उपार्जन केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। इन केंद्रों पर पृथक नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए है, जो समय-समय पर उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण कर रहे है। इसके अलावा इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से प्राप्त अलर्ट संदेशों के आधार पर उड़नदस्ता दल द्वारा तत्काल कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश के सीमावर्ती उपार्जन केंद्रों में पर्याप्त चेक पोस्ट की स्थापना लगाए गए है, ताकि अवैध धान की आवक को रोका जा सके। इस संबंध में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

बैंको की कतार से छुटकारा, भुगतान के लिए सुगम व्यवस्था
मुंगेली जिले में अब तक 33344 किसानों से 14 लाख 87 हजार क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। इसके लिए किसानों को अब तक 352 करोड़ 22 लाख रुपये की राशि भुगतान की जा चुकी है। वहीं किसान के धान बेचने के 3 दिवस के भीतर उनके खाते में राशि का ट्रांसफर किया जा रहा है। किसानो को सुविधा को बढ़ाते हुए विष्णुदेव की सुशासन सरकार के द्वारा मुंगेली जिले के 27 हजार किसानों को एटीएम और चेकबुक का वितरण किये गए हैं। जिससे इन किसानों को भुगतान के लिए लंबी कतार नही लगाने पड़ रहे हैं। वहीं समिति केंद्रों में लगे माइक्रो एटीएम से प्रतिदिन से 20 हजार रुपये का भुगतान हो रहा है।

उठाव के लिए डीओ जारी
उठाव के लिए इस बार 5 लाख 56 हजार क्विंटल धान का डीओ जारी किया गया है, जो अब तक खरीदी किया गया धान का 37 प्रतिशत है। वहीं 2 लाख 79 हजार का उठाव हो चुका है जो डीओ का 50 प्रतिशत है उठाव होने से समिति केंद्रों में धान का फड़ रहे और किसान अपने धान को सुचारू रूप से बेच सके इसके विशेष ध्यान रखा गया है।

भाजपा की सरकार मतलब किसानों की सरकार
भाजपा सरकार किसानों की सरकार है, यही वजह है कि पढ़े-लिखे युवा भी किसानी कार्यो में झुकाव देखा जा रहा है। इसलिए किसानों का पंजीयन हर साल बढ़ रहा है और हमारी सरकार किसानों को एकमुश्त बोनस की राशि दे रही है। जिससे किसान अपने जरूरत के अनुसार इस राशि को उपयोग में ला रहे है। मुंगेली जिले में सरकार की मंशा के अनुरूप धान समर्थन मूल्य योजना के तहत किसानों के एक एक दाना धान को खरीदने की प्रतिबद्धता है। यही वजह है किसानों का खास ख्याल रखते हुए उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुविधा देकर बिना किसी परेशानियों से धान बेचने का सिलसिला सुचारू रूप से संचालित है। सुखद व्यवस्था को देखते हुए किसानों के चेहरे पर मुस्कान देखते बनती है। 

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