महतारी वंदन योजना, देश की सबसे बड़ी महिला DBT स्कीम: हर महीने 1000 रुपये देकर जीवन में स्थायी बदलाव लाने का प्रयास
छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना ने नवंबर 2025 तक 70 लाख के करीब महिलाओं तक पहुँच बनाते हुए सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की नई कहानी लिखी है।
महतारी वंदन योजना से प्रदेश की माता-बहनों को ₹648.24 करोड़ की सहायता राशि सीधे उनके खातों में
रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार द्वारा 1 मार्च 2024 को शुरू की गई महतारी वंदन योजना, राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से लागू की गई एक ऐतिहासिक पहल है। नियमित मासिक DBT, स्वरोजगार को बढ़ावा, वित्तीय साक्षरता और सामाजिक सम्मान, इन सभी आयामों ने इसे महिलाओं के लिए देश के सबसे बड़े आर्थिक सशक्तिकरण कार्यक्रमों में शामिल कर दिया है।
महिलाओं के जीवन में स्थायी बदलाव का उद्देश्य
महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाना और उन्हें नियमित मासिक आय उपलब्ध कराना इस उद्देश्य का मुख्य आधार है। इसके साथ ही सामाजिक और पारिवारिक निर्णयों में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना भी आवश्यक है, ताकि वे अपने जीवन से जुड़े महत्त्वपूर्ण फैसलों में प्रभावशाली भूमिका निभा सकें।
विकास रणनीति के केंद्र में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को रखना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे समाज में समान अधिकार और अवसरों को बढ़ावा मिलता है। इसके अतिरिक्त, दूरस्थ, पिछड़े तथा माओवादी प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं तक वित्तीय सहायता पहुँचाना भी प्राथमिकता रही है, ताकि वे मुख्यधारा के आर्थिक और सामाजिक विकास से जुड़ सकें।
चुनावी वादे से लेकर क्रियान्वयन तक- पृष्ठभूमि
महतारी वंदन योजना की शुरुआत 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा ‘मोदी की गारंटी’ के रूप में किए गए वादे से हुई थी। 2024 में सत्ता में आने के बाद सरकार ने तेजी से कदम उठाते हुए 31 जनवरी की कैबिनेट बैठक में इस योजना को औपचारिक मंजूरी प्रदान की, जिसके पश्चात 1 मार्च 2024 से यह योजना लागू कर दी गई। इसके क्रियान्वयन का तत्काल प्रभाव भी देखने को मिला, क्योंकि पहली किस्त के रूप में मार्च 2024 में लाखों महिलाओं के बैंक खातों में सीधे ₹1,000 की राशि हस्तांतरित की गई, जिससे महिलाओं को प्रत्यक्ष आर्थिक राहत प्राप्त हुई।
योजना की प्रगति (नवंबर 2025 तक)
नवंबर 2025 में महतारी वंदन योजना की 21वीं किस्त के तहत लगभग 69 लाख महिलाओं के बैंक खातों में सीधे लाभ पहुंचाया गया। इस किस्त में कुल ₹647 करोड़ से अधिक की राशि DBT के माध्यम से हस्तांतरित की गई, जिससे बड़ी संख्या में महिलाओं को नियमित आर्थिक सहायता प्राप्त हुई।
अब तक कुल वितरण
योजना के अब तक के क्रियान्वयन में कुल ₹13,671 करोड़ 68 लाख से अधिक की राशि लाभार्थियों तक पहुँचाई जा चुकी है। प्रति माह औसतन 65-70 लाख महिलाएँ इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करती रही हैं, जिससे यह राज्य की सबसे बड़े प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रमों में से एक बन जाता है।
माओवादी प्रभावित इलाकों तक लाभ
यह योजना केवल शहरी या सामान्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि दूरस्थ और संवेदनशील इलाकों में भी इसकी पहुँच सुनिश्चित की गई। वर्ष 2025 में पहली बार बस्तर संभाग के माओवादी मुक्त हुए गाँवों की 7,658 महिलाओं को सीधे DBT के माध्यम से लाभ प्रदान किया गया, जो इस बात का महत्वपूर्ण संकेत है कि सरकारी योजनाएँ अब कठिन और जोखिमपूर्ण क्षेत्रों तक भी प्रभावी रूप से पहुँच रही हैं।
नियमित मासिक आय ने बदली प्राथमिकताएँ
हर महीने ₹1,000 की सुनिश्चित राशि मिलने से महिलाओं की घरेलू आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय बदलाव आया है। अब वे अपने रोज़मर्रा के खर्च- जैसे राशन, दवाइयाँ, बच्चों की पढ़ाई और अन्य घरेलू ज़रूरतें स्वयं पूरी कर पा रही हैं। इस आर्थिक स्वतंत्रता ने उनकी प्राथमिकताओं को अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया है।
वित्तीय समावेशन में बड़ी छलांग
योजना से जुड़े बैंक खाता खोलना, आधार लिंकिंग, ई-केवाईसी और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) जैसे कदमों ने महिलाओं की डिजिटल और वित्तीय साक्षरता को नई दिशा दी है। इन प्रक्रियाओं ने न केवल उन्हें औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा, बल्कि उन्हें आधुनिक वित्तीय लेन-देन और डिजिटल ढांचे से भी परिचित कराया।
सामाजिक सम्मान और आत्मविश्वास में वृद्धि
इस योजना ने महिलाओं की सामाजिक स्थिति और आत्मविश्वास में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की है। अब कई महिलाएँ परिवार के भीतर निर्णय लेने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं और आर्थिक रूप से स्वयं सक्षम होने का गर्व महसूस कर रही हैं। मदद लेने से स्वतंत्र रूप से खर्च करने की दिशा में यह बदलाव योजना का सबसे बड़ा सामाजिक प्रभाव माना जा रहा है।
नवंबर 2025 तक कुल वित्तीय प्रभाव
नवंबर 2025 तक महतारी वंदन योजना की कुल 21 किस्तें जारी की जा चुकी हैं, जिनके माध्यम से कुल ₹13,671 करोड़ 68 लाख से अधिक की राशि लाभार्थियों तक पहुँचाई गई। प्रति माह औसतन 65-70 लाख महिलाएँ इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर रही हैं, जिसमें विशेष रूप से बस्तर, दांतेवाड़ा और सुकमा के माओवादी मुक्त गाँवों की महिलाएँ शामिल हैं।
महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की नई पहल के तौर पर महतारी शक्ति ऋण योजना शुरू की गई, जिसके तहत प्रत्येक महिला को ₹10,000–25,000 तक का स्वरोजगार ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया ने न केवल नियमित वित्तीय लाभ सुनिश्चित किया है, बल्कि महिलाओं को स्वरोजगार और आर्थिक सक्रियता की दिशा में भी प्रेरित किया है।
महिलाओं को निर्भरता से स्वायत्तता की ओर ले जाने वाली योजना
महतारी वंदन योजना ने छत्तीसगढ़ की 65–70 लाख महिलाओं को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं दी, बल्कि उन्हें सामाजिक, डिजिटल और वित्तीय रूप से भी सशक्त बनाया है। यह योजना मासिक वित्तीय लाभ से कहीं अधिक है; यह महिला स्वाभिमान, आत्मनिर्भरता और समावेशी विकास की मजबूत नींव तैयार करती है। इससे महिलाओं की जीवनशैली, निर्णय लेने की क्षमता और सामाजिक सम्मान में वास्तविक बदलाव आया है, जो उन्हें निर्भरता से स्वायत्तता की ओर ले जाने वाली एक प्रभावशाली पहल के रूप में सामने रखता है।
स्वरोजगार और आर्थिक सक्रियता- महतारी शक्ति ऋण योजना
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से महतारी शक्ति ऋण योजना एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सामने आई है। इस योजना के तहत ग्रामीण बैंकों में महिला खाताधारकों को ₹10,000 से ₹25,000 तक का स्वरोजगार ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिसे 48 महीनों में आसान किश्तों के माध्यम से चुकाया जा सकता है। इस वित्तीय सहायता का सकारात्मक प्रभाव स्पष्ट दिखता है, क्योंकि हजारों महिलाओं ने किराना दुकान, फूड स्टॉल, सिलाई-कढ़ाई, पशुपालन जैसे छोटे व्यवसाय शुरू करके अपनी आर्थिक सक्रियता और आत्मनिर्भरता को मजबूत किया है।