70 लाख से अधिक गृहिणियों के चेहरों पर मुस्कान: 'महतारी वंदन योजना' बनी छत्तीसगढ़ की नई पहचान

सीएम विष्णुदेव साय की सोच के अनुरूप प्रारंभ की गई यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर रही है। बल्कि, उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान भी दिला रही है।

Updated On 2025-10-21 11:13:00 IST

महतारी वंदन योजना से समृद्ध हो रही महतारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित ‘महतारी वंदन योजना’ आज प्रदेश की महिलाओं के जीवन में आशा, आत्मनिर्भरता और समृद्धि की नई किरण लेकर आई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सोच के अनुरूप प्रारंभ की गई यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान भी दिला रही है। यह योजना गृहिणियों, मजदूर वर्ग की महिलाओं और गरीब परिवारों के लिए आर्थिक राहत का एक सशक्त माध्यम बन चुकी है। 


योजना की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
छत्तीसगढ़ सरकार का मानना है कि जब महिला सशक्त होगी, तभी परिवार और समाज सशक्त होगा। इसी सोच को मूर्त रूप देने के लिए वर्ष 2024 में 'महतारी वंदन योजना' की शुरुआत की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

इस योजना के तहत राज्य की पात्र महिलाओं को प्रति माह ₹1000 की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खातों में प्रदान की जाती है। इससे महिलाएँ न केवल अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक खर्चों को पूरा कर पा रही हैं, बल्कि अपने छोटे-छोटे व्यवसाय या आर्थिक गतिविधियाँ भी शुरू कर रही हैं। 


योजना का वित्तीय प्रभाव और आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस योजना से लगभग 70 लाख महिलाओं को सीधा लाभ मिल रहा है। यदि प्रति महिला ₹1000 मासिक सहायता दी जाती है, तो यह हर महीने करीब ₹700 करोड़ रुपये की राशि महिलाओं के खातों में जा रही है। यह धनराशि सीधे राज्य की ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था में प्रवाह कर रही है, जिससे स्थानीय बाजारों में क्रय शक्ति और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आई है।

राज्य वित्त विभाग के अनुसार, अब तक इस योजना के अंतर्गत ₹4200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की जा चुकी है। इससे न केवल महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि यह धन ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम भी बना है।

रेखा दास महंत, दिलेशरी मंझुवार और माड़वी अनिता

आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
‘महतारी वंदन योजना’ से पहले, प्रदेश की कई महिलाएँ आर्थिक रूप से अपने पति या परिवार पर निर्भर रहती थीं। उन्हें घरेलू खर्चों, बच्चों की शिक्षा या अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब स्थिति बदल रही है।

राजनांदगांव जिले की सुनीता बघेल जैसी हजारों महिलाएँ इस योजना के तहत प्राप्त राशि से छोटे स्तर पर व्यापार शुरू कर चुकी हैं। सुनीता ने इस सहायता राशि से सिलाई मशीन खरीदी और अब वह अपने गांव की अन्य महिलाओं के कपड़े सिलकर आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। इसी तरह कोरिया जिले की सावित्री साहू ने इस राशि से बकरियां खरीदीं और अब दुग्ध उत्पादन से हर महीने अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं। ऐसे हजारों उदाहरण बताते हैं कि यह योजना केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की भावना को भी प्रोत्साहित कर रही है। 


ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक प्रभाव
इस योजना का सबसे बड़ा प्रभाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर देखा गया है। जब लाखों महिलाओं के हाथ में हर महीने नकद राशि पहुँचती है, तो वे स्थानीय बाजारों में आवश्यक वस्तुएँ खरीदती हैं। जैसे अनाज, कपड़े, घरेलू सामान आदि। इससे गांवों की छोटी दुकानों और हाट-बाजारों में लेन-देन बढ़ा है, जिससे स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ हो रहा है।

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 'महतारी वंदन योजना' से राज्य की ग्रामीण खपत में लगभग 12% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह दर्शाता है कि यह योजना केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही नहीं, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है। 


सामाजिक सशक्तिकरण और सम्मान की ओर कदम
आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ इस योजना ने महिलाओं के सामाजिक सम्मान में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है। जो महिलाएँ पहले परिवार की आर्थिक चर्चाओं में भाग नहीं लेती थीं, वे आज अपने निर्णय खुद ले रही हैं।

महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है। वे अब शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास जैसे विषयों पर खुलकर राय रख रही हैं। ग्राम पंचायतों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी भी बढ़ी है।

‘महतारी वंदन योजना’ ने यह साबित किया है कि जब महिला को आर्थिक स्वायत्तता मिलती है, तो वह केवल अपना नहीं, बल्कि पूरे परिवार का विकास करती है। 


राज्य सरकार की संवेदनशील पहल
मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने इस योजना को 'मातृत्व का सम्मान' बताया है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि महिलाओं के योगदान के प्रति आभार प्रकट करने का माध्यम है। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी महिला आर्थिक रूप से पिछड़ी न रहे और हर गृहिणी सम्मानपूर्वक जीवन जी सके।

इसके अतिरिक्त, इस योजना को छत्तीसगढ़ की अन्य कल्याणकारी योजनाओं, जैसे- गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री मितान योजना और स्व-सहायता समूह प्रोत्साहन कार्यक्रम से भी जोड़ा गया है। ताकि महिलाओं को स्थायी आर्थिक अवसर मिल सकें। 


परिवार की 'गृह लक्ष्मी' बन रही महिलाएं
'महतारी वंदन योजना' ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब सरकार संवेदनशील नीतियों के साथ आगे बढ़ती है, तो समाज में वास्तविक परिवर्तन संभव है। यह योजना केवल महिलाओं को आर्थिक सहायता देने का माध्यम नहीं, बल्कि उनके आत्म-सम्मान, स्वतंत्रता और आत्मविश्वास का प्रतीक है। आज छत्तीसगढ़ की महिलाएँ 'महतारी वंदन योजना' के माध्यम से न केवल अपने परिवार की 'गृह लक्ष्मी' बन रही हैं। बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था की आधारशिला भी सिद्ध हो रही हैं। इस प्रकार, यह योजना छत्तीसगढ़ की सामाजिक-आर्थिक प्रगति की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।

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