अचानकमार टाइगर रिज़र्व में हाथियों का आतंक: गांव में घुसकर कच्चा मकान तोड़ा-राशन खाया, महिलाओं और बच्चों ने भागकर बचाई जान

लोरमी जिले के अचानकमार टाइगर रिज़र्व के ग्राम छपरा में देर रात जंगली हाथियों के एक दल ने उत्पात मचाया। जिससे गांव में हड़कंप मच गया।

Updated On 2025-12-04 13:18:00 IST

हाथियों ने कच्चे मकान को किया तहस-नहस

राहुल यादव- लोरमी। छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिज़र्व के सुदूर वनांचल क्षेत्र के केंवची-अमरकंटक मार्ग स्थित ग्राम छपरा में देर रात जंगली हाथियों के एक दल ने उत्पात मचाया। जहां दुर्गा मंदिर के समीप स्थित एक कच्चे मकान को तोड़ डाला। घर में रखा राशन सामग्री को हाथियों ने चट कर दिया। वहीं घरेलू सामान भी क्षतिग्रस्त कर भारी नुकसान पहुंचाया।

महिला और बच्चों ने भागकर बचाई जान
मकान में रहने वाली गंगाबाई पति शिवदयाल ने बताया कि, रात करीब 2.30 से 3 बजे के बीच चार हाथियों का दल अचानक धमकते हुए घर के पास पहुंच गया। हाथियों की चिंघाड़ सुनते ही महिला ने घबराकर अपने बच्चों को उठाया और बाहर भागकर किसी तरह जान बचाई। भयभीत गंगाबाई ने गांव के चौक में पहुंचकर ग्रामीणों को आपबीती सुनाई। इसके बाद ग्रामीण मौके पर जुटे और मिलकर हाथियों को भगाने का प्रयास किया।


घरेलू सामान तहस-नहस, भारी आर्थिक नुकसान
ग्रामीणों के अनुसार हाथियों ने घर में रखे सामान को नुकसान पहुंचाते हुए 50 किलो चावल खा लिया, चार कुर्सियाँ तोड़ीं, सोलर पैनल लाइट तोड़ी, 500 लीटर की सिंटेक्स पानी टंकी फोड़ दी, कच्चा मकान लगभग ध्वस्त कर दिया और हाथियों के हमले से परिवार को भारी आर्थिक क्षति हुई है।


फसलों और घरों की ओर बढ़ रहा हाथियों का दल
ग्रामीणों ने बताया कि इस समय चार हाथियों का दल आसपास के गांवों में सक्रिय है। धान की फसल और घरों में रखे धान की गंध की वजह से ये हाथी लगातार बस्तियों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। हालात को देखते हुए लोग अपने घरों के सामने अलाव जलाकर पहरा दे रहे हैं। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम गांव पहुंची और नुकसान का आंकलन कर मुआवजा प्रकरण तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।


वन विभाग मौके पर, मुआवजा प्रकरण तैयार
छपरा गांव सरपंच अनिल अनंत ने पुष्टि करते हुए कहा कि, दुर्गा मंदिर के पास स्थित कच्चे मकान को हाथियों ने तोड़कर नुकसान पहुंचाया है। महिला और बच्चे बाल-बाल बचे है और मुआवजा के लिए विभाग को अवगत करवा दिया गया है। एटीआर प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने, भीड़ न लगाने और सुरक्षात्मक उपाय अपनाने की सलाह दी जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।



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