कवर्धा जिले में एक और बवाल: दुर्गा पंडाल हटाने पर एसपी की दो टूक, बोले- आस्था से खिलवाड़ करने वालों पर होगी कार्रवाई

कवर्धा जिले में दुर्गा पंडाल को उखाड़ने को लेकर दो पक्षों में जमकर विवाद हो गया। दोनों पक्षों के विवाद को सुलझाने गई पुलिस के साथ भी जमकर मारपीट की हुई।

Updated On 2025-09-21 21:24:00 IST

दोनों पक्षों में हुआ विवाद 

संजय यादव- कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में दुर्गा पंडाल को उखाड़ने को लेकर दो पक्षों में जमकर विवाद हो गया। दोनों पक्षों के विवाद को सुलझाने गई पुलिस के साथ भी जमकर मारपीट की हुई। इस घटना में कई लोग घायल हो गए हैं। वहीं मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। यह पूरा मामला कुकदूर थाना के कामठी गांव का है।

ग्राम कामठी में दुर्गा पंडाल लगाने से रोकने की कोशिश करने वालों को पुलिस प्रशासन ने कड़ा संदेश दिया है। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट कहा कि, दुर्गा पंडाल यहीं स्थापित होगा। आस्था से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उपद्रव की मंशा रखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि धार्मिक परंपरा और श्रद्धा के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा।

बीते वर्ष भी हुआ था विवाद 
उल्लेखनीय है कि, बीते वर्ष कूकदूर थाना क्षेत्र के कामठी गांव में गोंडवाना समाज और गांव वालों के बीच मंदिर परिसर में दुर्गा मां की मूर्ति स्थापना को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि पुलिस और जिला प्रशासन टीम को मौके पर जाना पड़ा। पुलिस के आला अधिकारी जानकारी के बाद मौके पर पहुंचे, जिसके बाद मामला शांत हो पाया। इसके बाद मंदिर परिसर के गेट में लगाए ताले को पुलिस ने खोला फिर मंदिर में दुर्गा मां की मूर्ति की स्थापना की गई। 

बातचीत के बाद खत्म हुआ विवाद
ये मामला कबीरधाम जिले के कूकदूर थाना अंतर्गत कामठी गांव का है। इस क्षेत्र में भारी संख्या में आदिवासी लोग रहते हैं। कामठी गांव में एक प्राचीन मंदिर है, जिसमें पहले से सभी देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित है। गांव के सभी लोग मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं। आदिवासी सामज का मानना है कि यह मंदिर उनके पूर्वजों द्वारा बनाई गई है, इसलिए इस मंदिर पर उनका अधिकार है। यही कारण है कि गांव वाले और आदिवासी समाज के बीच इसी बात को लेकर तनाव की स्थिति बनी रहती है।  

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