खरोरा थाने पहुंची क्रांति सेना: छत्तीसगढ़िया संस्कृति का अपमान करने का लगाया आरोप, पांच लोगों के खिलाफ नामजद की शिकायत
जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी और क्रांति सेना ने खरोरा थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर, उनके पदाधिकारियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है।
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने सौंपा ज्ञापन
सूरज सोनी- खरोरा। छत्तीसगढ़ की संस्कृति और मातृभावना का अपमान करने वालों के खिलाफ जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी और क्रांति सेना ने विरोध दर्ज कराते हुए खरोरा थाना पहुँचकर थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। दोनों संगठनों ने सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने वाले दोषियों पर तत्काल एफआईआर दर्ज करने की माँग की है। ज्ञापन रायगढ़ निवासी आशीष अग्रवाल उर्फ जिमी अग्रवाल, विजय राजपूत, दीपक लालवानी, विनोद पांडा और राजेश उदासी के विरुद्ध सौंपा गया है। जिन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छत्तीसगढ़ महतारी और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के पदाधिकारियों के प्रति अभद्र, आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणियाँ की हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि इन विद्वेषपूर्ण बयानों से न केवल प्रदेश के तीन करोड़ छत्तीसगढ़ियों की भावनाएँ आहत हुई हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सामाजिक सौहार्द्रताऔर शांति को भी गंभीर ठेस पहुँची है। संगठनों ने इसे प्रदेश के माहौल को खराब करने की साजिश करार दिया है। जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के जिला योगेश साहू, खरोरा खंड अध्यक्ष आसकरण साहू, और छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के जिला अध्यक्ष अजय कुमार वर्मा, खरोरा खड़ अध्यक्ष राकेश सेन व समस्त पदाधिकारी साथ में सेनानियो ने संयुक्त रूप से अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुछ असामाजिक तत्व जानबूझकर छत्तीसगढ़ प्रदेश के माहौल को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ हम सविधान और कानून के दायरे मेंरहकर सख्त और निर्णायक कार्रवाई की मांग करते हैं।
सख्त कार्रवाई की मांग
उन्होंने कहा कि आशीष अग्रवाल, दीपक लालवानी, विनोद पांडा और राजेश उदासी जैसे लोग छत्तीसगढ़ के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने का दुस्साहस कर रहे हैं। इनके शब्द किसी व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ समाज की गरिमा और छत्तीसगढ़ महतारी की मयार्दा पर सीधा प्रहार हैं। हम प्रशासन से माँग करते हैं कि इन पर तत्काल सख्त कानूनी कार्रवाई करते हुए उदाहरण स्वरूप दंडित करे, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति छत्तीसगढ़ियों की अस्मिता के साथ खिलवाड़ न कर सके ।