बस्तर के विकास को नई रफ़्तार: जगदलपुर- रावघाट रेल लाइन के सीमांकन में आई तेजी, 2026 तक निर्माण का लक्ष्य
जगदलपुर- रावघाट रेललाइन के लिए सीमांकन का कार्य तेजी से हो रहा है। 2026 तक बड़े पैमाने पर निर्माण शुरू करने के साथ ही क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी।
जगदलपुर- रावघाट रेललाइन के लिए सीमांकन का कार्य शुरू
अनिल सामंत- जगदलपुर। बस्तर के दुर्गम आदिवासी इलाकों को पहली बार रायपुर से सीधे जोड़ने वाली 140 किलोमीटर लंबी जगदलपुर- रावघाट रेललाइन का सीमांकन काम शुरू हो गया है। कार्य की शुरुआत जगदलपुर की ओर से की गई है जिसमें पल्ली,कुडकानार,करकापाल और बालेंगा क्षेत्रों में सीमांकन हो गया है। जिसके चलते जगह- जगह लाल चिन्ह दिखाई दे रहे हैं।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस विशाल परियोजना को तेज गति से पूरा करने के लिए दो- तीन स्थानों से एक साथ निर्माण शुरू करने की रणनीति अपनाई गई है। पहले चरण में राजहरा- रावघाट (95 किमी) खंड का काम तेज है, जिसका लक्ष्य मार्च 2026 तय किया गया है। यह लाइन न सिर्फ संपर्क का नया मार्ग बनाएगी,बल्कि बस्तर की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगी।
2026 तक निर्माण शुरू करने के लक्ष्य
रावघाट क्षेत्र में सेल को 2,880 हेक्टेयर आयरन-ओर खदानें आवंटित हैं। रेललाइन बन जाने से अयस्क ढुलाई सरल होगी, जिससे भिलाई स्टील प्लांट की 10 मिलियन टन क्षमता वृद्धि को आवश्यक सहारा मिलेगा। इससे क्षेत्र में रोजगार, परिवहन सुविधा, और औद्योगिक विकास में सीधी वृद्धि होने की संभावना है।मई 2025 में रेलवे बोर्ड से 3,513 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिलने के बाद पुराने ठहराव टूट चुके हैं। दो अधिकृत कंपनियां वन क्षेत्रों में चिन्हांकन पूरा कर मार्च 2026 तक निर्माण शुरू करने के लक्ष्य पर कार्य कर रही हैं।
2029– 30 तक रेल सेवा हो जाएगी शुरू
यह प्रगति वहीं पुराने दौर का स्मरण भी है जब बीआरपीएल के कारण परियोजना रुक गई थी। अब केंद्र-राज्य की संयुक्त कमेटी के तहत बस्तर, माओवादी हिंसा से मुक्ति के 2026 लक्ष्य के साथ,रेल नेटवर्क से जुड़ने के निर्णायक मोड़ पर है। अनुमान है कि 2029– 30 तक जगदलपुर से रायपुर रेल सेवा सुचारु रूप से शुरू हो जाएगी।
बस्तर की रेल क्रांति का नया दौर
जगदलपुर–रावघाट रेललाइन का सीमांकन तेज होने से बस्तर में रेल कनेक्टिविटी के नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। पल्ली,कुडकानार,करकापाल और बालेंगा जैसे आदिवासी इलाकों में तेजी से दिख रहे चिन्हांकन इस परियोजना के धरातल पर उतरने की पुष्टि कर रहे हैं। 3,513 करोड़ की स्वीकृति, मार्च 2026 तक निर्माण प्रारंभ करने का लक्ष्य, राजहरा–रावघाट खंड में तेजी से चल रहा कार्य,रावघाट खदानों से अयस्क ढुलाई में मिलने वाली सुविधा,और भिलाई स्टील प्लांट की विस्तार योजना ये सभी मिलकर बस्तर के आर्थिक पुनरुत्थान को नई ताकत दे रहे हैं। साथ ही 2029–30 तक जगदलपुर–रायपुर रेल सेवा शुरू होने की उम्मीद ने इस परियोजना को बस्तर के विकास का सबसे बड़ा मोड़ बना दिया है।
सीमांकन कार्य तेजी से जारी
रायपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम अवधेश कुमार त्रिवेदी ने कहा कि, रावघाट–जगदलपुर सेक्शन में वन-सर्वे और सीमांकन तेजी से जारी है। अगले वर्ष मध्य तक दो–तीन बिंदुओं से निर्माण कार्य प्रारंभ कर देने की तैयारी है,ताकि समयसीमा का कड़ाई से पालन हो सके।