25 वर्षों बाद परिवार ने की घर वापसी: विधिवत पूजा- पाठ कर हिंदू धर्म में आए, गाँव में पादरियों के प्रवेश पर प्रतिबंध
बस्तर के नानगुर विकासखंड के ग्राम अलनार में 25 वर्षों से ईसाई मत में धर्मांतरित परिवार के आठ सदस्यों ने पुनः अपने मूल सनातन हिन्दू धर्म में घर वापसी की।
एक परिवार ने की हिन्दू धर्म में वापसी
अनिल सामंत- जगदलपुर। बस्तर की धरती पर अब एक नई सामाजिक चेतना आकार ले रही है। लंबे समय से बाहरी तत्वों द्वारा प्रलोभन देकर भोले-भाले आदिवासियों का धर्मांतरण कराने का खेल यहाँ चलता रहा है, लेकिन अब जनजागरण और स्वाभिमान की लहर इस प्रवृत्ति का जवाब बन रही है। इसी कड़ी में बस्तर जिले के नानगुर विकासखंड के ग्राम अलनार में एक मिसाल पेश करते हुए 25 वर्षों से ईसाई मत में धर्मांतरित परिवार के आठ सदस्यों ने पुनः अपने मूल सनातन हिन्दू धर्म में घर वापसी की।
यह पहल महारा समाज कचरा पाठी परगना के नेतृत्व में चल रहे घर वापसी अभियान के अंतर्गत की गई। महारा समाज के घर वापसी अभियान को नई सफलता मिली। 25 वर्षों बाद इच्छाबती, नारायण, जयमनी, कंचन, दीपिका, सविता, बनू और कुमारी ने सनातन धर्म अपनाया। सिडमूढ़ गाँव ने भी ईसाई पादरियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाकर धार्मिक अस्मिता की रक्षा की। समाज प्रमुख बोले घर वापसी केवल धर्म परिवर्तन नहीं, बल्कि अपनी जड़ों और संस्कृति से जुड़ने का संकल्प है।
महारा समाज की अगुवाई में जारी है घर वापसी अभियान
महारा समाज के जिला उपाध्यक्ष व मीडिया प्रभारी आकाश कश्यप ने कहा कि समाज का यह अभियान लगातार जारी है। हम अपने समाज के उन लोगों तक पहुँचना चाहते हैं जो किसी कारणवश अपने धर्म से भटके हैं। उन्हें मुख्यधारा में लाना और उनके भीतर आत्मगौरव का संचार करना ही हमारा लक्ष्य है। कार्यक्रम के दौरान समाज प्रमुखों ने नव-घरवापसी कर चुके परिवार को धार्मिक ग्रंथ और तिलक विधि से स्वागत कर पुनः समाज में सम्मिलित किया।
सिडमूढ़ गाँव की प्रेरक पहल
धर्मांतरण की रोकथाम के प्रयासों के बीच,बस्तर के सिडमूढ़ गाँव ने भी साहसिक कदम उठाया है। गाँव के लोगों ने सामूहिक निर्णय लेते हुए ईसाई पादरियों के गाँव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह निर्णय गाँव की एकता, संस्कृति और पारंपरिक आस्था की रक्षा के लिए लिया गया है।
कार्यक्रम में उपस्थित रहे समाज के अनेक पदाधिकारी
घर वापसी समारोह में परगना अध्यक्ष धनुजय बघेल, उपाध्यक्ष पीला राम नाग, संरक्षक प्रेम चालकी, नाइक धबलू राम कश्यप, मदन बघेल, संपत कश्यप, सुरेंद्र सोनी, विनय सोना, भरत चालकी, प्रकाश नागेश, कन्या सोना, अमल बैस, घनश्याम, अंतराम चालकी, भोला, देवनाथ, जीवनदास, मनू, गोविन्द, लोकनाथ, कैलाश सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित रहे।