देशभर में होगी बाधों की गिनती: इन्द्रावती टाइगर रिजर्व में भी गिने जाएंगे बाघ, बढ़ सकती है संख्या
जगदलपुर के सरगीपाल डिपो में वृत्त स्तरीय प्रशिक्षण रखा गया। इसका उद्देश्य वन्य प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गणना करना है।
अखिल भारतीय बाघ आकलन का वृत्त स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। इन्द्रावती टाइगर रिजर्व बीजापुर में 2026 में बाघों की गिनती शुरू होगी। यह गिनती बाघों की बढ़ती आबादी और उनके फैलाव का सटीक रिकॉर्ड रखेगी। इस गणना में अन्य वन्यजीवों और जंगल के माहौल का भी जायजा लिया जाएगा। यह भारत के राष्ट्रीय पशु को बचाने के प्रयासों का हिस्सा है।
जमीन पर बाघों के पैरों के निशान खोजना, सैटेलाइट से तस्वीरें लेना, कैमरा ट्रैप लगाना और फिर मिले डेटा का विश्लेषण करना इस अभियान में शामिल है। इन सभी तरीकों से गिनती में सटीकता आएगी। शहर के सरगीपाल डिपो में अखिल भारतीय बाघ आकलन वर्ष 2025-26 का वृत्त स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह भारत में बाघ आकलन का 6 वां चरण है। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बाघ आंकलन के साथ-साथ मांसाहारी एवं शाकाहारी वन्य प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गणना करना है। यह गणना संभावत: वर्ष 2026 के जनवरी से अप्रैल माह तक पूरे भारत मे पूर्ण किया जाएगा।
प्राणियों की इन माध्यमों से की जाएगी गणना
प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित एनटीसीए से एआईजी नन्द किशोर काले, डॉ. अनिल देशलहरे एवं डब्ल्यूएलएल (छत्तीसगढ़ राज्य समन्वयक) से डॉ. अनूप द्वारा सर्वे में बाघ, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्गा, भेड़िया, सोन कुत्ता आदि मांसाहारी जीव एवं वन भैंसा गौर आदि विशालकाय जीव के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष दर्शन, शाकाहारी वन्य जीव के प्रत्यक्ष दर्शन, लेंडी एवं मल गणना, वनस्पति, वृक्ष, झड़ी, खरपतवार, शाखीय पौधे की गणना मानवीय व्यवधान का सर्वे एवं कै मरा ट्रेपिंग प्रशिक्षण दिया गया।
गणना एंड्रॉयड मोबाईल के एम-स्ट्रीपेस इकोलॉजीकल एप के माध्यम से किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जगदलपुर वन वृत्त एवं इन्द्रावती टायगर रिजर्व वन्यजीवन वृत्त जगदलपूर एवं वन विकास निगम के समस्त वन मण्डल के वन मण्डलाधिकारी, सहायक वनसंरक्षक, परिक्षेत्र अधिकारी, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी, वन रक्षक एवं पट्रोलिंग गार्ड उपस्थित हुए।
गणना से बाघ की बढ़ेगी संख्या : मण्डावी
इन्द्रावती टायगर रिजर्व जगदलपुर वन्यजीवन एवं क्षेत्रीय निदेशक के मुख्य वन संरक्षक स्टायलो मण्डावी ने बताया कि बाघ आंकलन का 6 वें चरण में जनवरी से आईटीआर में शुरू किया जाएगा। आईटीआर में लगभग 8 बाघ होने की संभावना है और गणना से इसकी संख्या बढ़ेंगी। गणना में सबसे पहले बाघों के पैरों के निशान, मल और पेड़ों पर उनके निशान इकट्ठा करेंगे।
बदलावों का भी लेंगे जायजा : तिवारी
जगदलपुर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक आलोक कुमार तिवारी ने बताया कि, गणना से राष्ट्रीय पशु को विलुप्त होने से बचाने और संरक्षित इलाकों को मजबूत करने के प्रयासों को दर्शाती है। सर्वे करने वाले वन्यजीवों की गणना के साथ-साथ जंगल के फैलाव, वहां के माहौल की सेहत और पर्यावरण में हो रहे बदलावों का भी जायजा लेंगे।