सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश: अब दस्तावेजों की जांच नियुक्ति से पहले होगी

छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र, फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने वालों पर शिकंजा कसेगा।

Updated On 2025-12-12 09:14:00 IST

महानदी भवन (फाइल फोटो)

रायपुर। छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र, फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने वालों पर शिकंजा कसेगा। राज्य में इस तरह के हजारों मामले सामने आने के बाद अब सरकार ने तय किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में सभी विभागों के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षा में चयनित अभ्यार्थियों का नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व प्रशासकीय विभाग चयनित अभ्यर्थियों के समस्त आवश्यक मूल दस्तावेजों, प्रमाण पत्रों की पूर्ण जांच सत्यापन करने के बाद ही नियुक्ति आदेश जारी किया जाए।

सरकार ने जारी किया आदेश
इस संबंध में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदेश के सभी भारसाधक सचिवों के लिए आदेश जारी कर यह बात कही है। शासन के ध्यान में यह तथ्य आया है कि कई विभागों द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, व्यवसायिक परीक्षा मण्डल एवं अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित परीक्षा का चयन सूची जारी उपरांत बिना पुलिस चरित्र सत्यापन तथा समस्त प्रमाण पत्रों का पूर्ण परीक्षण किये बिना नियुक्ति आदेश जारी किये जाते हैं, जिसके कारण नियुक्त अधिकारियों के विरूद्ध फर्जी जाति, दिव्यांग प्रमाण पत्र आदि के संबंध में कई शिकायतें प्राप्त हो रहें है तथा न्यायालयीन प्रकरण निर्मित हो रहे है।

केवल शपथ पत्र लेकर नहीं दे सकते नियुक्ति आदेश
सामान्य प्रशासन विभाग को यह आदेश जारी करने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि खुद सरकार ने पाया कि हमेशा कई विभागों द्वारा कुछ दस्तावेजों के अभाव में शपथ पत्र लेकर नियुक्ति आदेश जारी किये जाते हैं, सरकार का मानना है कि यह प्रशासनिक दृष्टिकोण से न्यायोचित नहीं है।

फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र पर नौकरी के मामले
छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी के कई मामले सामने आए हैं और इनकी जांच चल रही है। विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, यह संख्या 150 से अधिक हो सकती है। छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ ने आरोप लगाया है कि लगभग 127 से 150 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र का उपयोग करके नौकरियां हासिल की हैं। उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद इन मामलों की जांच में तेजी आई है। इन मामलों में सात डिप्टी कलेक्टर, तीन नायब तहसीलदार, और विभिन्न विभागों (शिक्षा, कृषि, श्रम, आदि) के अन्य अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले
छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सैकड़ों मामले चल रहे हैं, जिनमें 2000 से 2020 तक 758 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 267 फर्जी पाए गए हैं ये मामले सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और छात्रों से जुड़े हैं और कई अभी भी जांच या हाई कोर्ट में अटके हुए हैं, जिस पर सरकार कार्रवाई कर रही है. पर अब भी 350 से अधिक मामलों में जांच जारी है और नए मामले भी सामने आ रहे हैं। पिछले 2 वर्षों (2023-2024) में भी कई नए फर्जी प्रमाण पत्र सामने आए हैं, और सहायक शिक्षकों के पदों पर भर्ती में भी गड़बड़ी के आरोप हैं। 

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