मैनपुर क्षेत्र में हाथियों का तांडव: सैकड़ों एकड़ फसल तबाह, मकानों की छत पर रहने को मजबूर लोग
गरियाबंद जिले के अंतर्गत आने वाले मैनपुर विकासखण्ड में इन दिनों हाथियों ने एक बार फिर से उत्पात मचाया है।
फसल को बर्बाद करते हुए हाथियों का झुंड
मैनपुर। गरियाबंद जिले के अंतर्गत आने वाले मैनपुर विकासखण्ड में इन दिनों हाथियों ने एक बार फिर से उत्पात मचाया है। हालत यह है कि अब यहां के लोग अपनी जान बचाने के लिए छतों पर छोटे-छोटे तंबू और मचान बनाकर रहने लगे हैं। इस वन्य प्राणी ने कच्चे मकानों को तोड़ने के साथ ही साथ करीब 200 एकड़ से ज्यादा की फसलों को नुकसान पहुंचा दिया है।
जानकारी के अनुसार, इलाके में पिछले करीब 10 से 12 वर्षों से हाथियों के दल ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है। बीते एक माह से मैनपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम छिन्दौला, लूठापारा, धोबीपारा, दबनई, फरसरा, लेडीबहार, गिरहोला, सिंहार, जिडार, बोडापाला, बेगरपाला, धवलपुर, तुपेंगा, जरण्डी के आसपास 22 से 25 हाथियों का दल अपना स्थानीय ठिकाना बना दिनभर नेशनल हाईवे लिया है। यह हाथियों का दल 130 सी मैनपुर गरियाबंद मार्ग के किनारे जंगल में डेरा डाले हुए हैं, तो शाम होते ही हाथी प्रभावित ग्रामों में पहुंचकर जमकर आंतक मचा रहे हैं। अब तक हाथियों के दल के द्वारा 200 से ज्यादा एकड़ धान एवं मक्का की फसल को बुरी तरह चौपट किया है। इसी तरह दलहन, तिलहन को भी नष्ट कर रहा है। कच्चे मकान और झोपडियों को तोड़फोड़ कर रहा है।
क्या कहते हैं अफसर
वन विभाग के एसडीओ मनोज चन्द्राकर ने बताया कि, हाथी प्रभावित ग्रामों में लगातार विभाग के अधिकारी/कर्मचारी एवं हाथी मित्रदल पहुंचकर लोगों को सूचना दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि फसल मुआवजा भी किसानों को प्रदान किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास के ऊपर मचान पर रहने की मजबूरी
हाथी प्रभावित क्षेत्र में अभी भी दर्जनों प्रधानमंत्री आवास अधूरे पड़े हुए हैं। ऐसे में जिन ग्रामीणों के पास प्रधानमंत्री पक्का आवास नहीं है, ऐसे लोगों को आज भी दूसरे के प्रधानमंत्री आवास के उपर छत में मचान बनाकर और पॉलीथिन लगाकर रात बिताना पड़ रहा है। भारी बारिश में छोटे छोटे बच्चों के साथ ग्रामीण मचान में रात बिता रहे हैं।
एक माह से मैनपुर के आसपास डाला है डेरा
मैनपुर वन परिक्षेत्र में पिछले एक माह से हाथियों का दल इन ग्रामों में डेरा डाल दिया है। जिसके कारण ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो चुकी है। दर्जनों झोपड़ी और कच्चे मकानों को हाथियों ने तोड़कर तहस-नहस कर दिया है। हाथियों का दल कई भागों में बंट गया है और किसी भी समय मुख्य मार्ग गांव जाने वाले मार्ग के साथ नेशनल हाईवे में पहुंच रहा है।