फोरेंसिक जांच में खुलासा: ड्रग में मिली है हाथियों को बेहोश करने वाली दवा
राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों में हेरोइन चिट्टा, एमडीएमए जैसे प्रतिबंधित मादक पदार्थों को बड़े पैमाने पर ड्रग पैडलर खपा रहे हैं।
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रायपुर। राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों में हेरोइन चिट्टा, एमडीएमए जैसे प्रतिबंधित मादक पदार्थों को बड़े पैमाने पर ड्रग पैडलर खपा रहे हैं। हाल के दिनों में रायपुर में पकड़े गए हेरोइन चिट्टा, एमडीएमए में हाथी जैसे विशालकाय वन्यजीव को ट्रैक्यूलाइज (बेहोश) करने उपयोग में लाए जाने वाली दवा इथोर्फिन मिलाए जाने का खुलासा हुआ है। खबर है, फोरेंसिक जांच में इसका पता चला है। प्रतिबंधित मादक पदार्थ हेरोइन चिट्टा तथा एमडीएमए में हाथी को बेहोश करने वाली दवा मिलाए जाने की खबर हरिभूमि ने पहले ही प्रकाशित की थी।
फोरेंसिक विभाग के सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में जो मादक पदार्थ पुलिस ने जब्त किया है, उसमें एनिमल को ट्रैक्यूलाइज करने की दवा मिलाने की पुष्टि हुई है। इथोर्फिन की कितनी मात्रा हेरोइन चिट्टा तथा एमडीएमए में मिलाई गई है, इस बात की जांच फोरेंसिक लैब में की जा रही है। ड्रग तस्कर लैब में हेरोइन चिट्टा तथा एमडीएमए में इथोर्फिन जैसी घातक दवा की मिश्रण करते हैं।
इसलिए इथोर्फिन का मिश्रण
प्रतिबंधित मादक पदार्थों में इथोर्फिन जैसी घातक दवा का मिश्रण करने की वजह ड्रग की डोज में नशे की क्षमता को बढ़ाना है। इथोर्फिन मिले ड्रग का सेवन करने से नशा सामान्य स्तर से ज्यादा होता है। इथोर्फिन मिले ड्रग का सेवन करने से उत्तेजना बढ़ती है। साथ ही इस दवा की वजह से ड्रग लेने वाला जल्दी एडिक्ट होता है। इस कारण से ड्रग माफिया ड्रग में इथोर्फिन की मिलावट करते हैं।
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एक एमएल से डेढ़ हजार डोज
वन्यजीव के जानकार डॉक्टरों के अनुसार एक एमएल इथोर्फिन से डेढ़ हजार डोज तैयार किया जा सकता है। इस वजह से भी ड्रग माफिया इथोर्फिन नामक दवा का मिश्रण हेरोइन चिट्टा तथा एमडीएमए में मिश्रण कर रहे हैं। हाल के दिनों में ड्रग तस्करी के आरोप में जो पकड़े गए हैं, उन्हें भी ड्रग में इथोर्फिन नामक दवा के मिलाए जाने की जानकारी नहीं है