सबसे युवा नक्सल कमांडर हिड़मा मारा गया: आंध्रा के सीतारामराजू ज़िले में उसकी पत्नी भी मारी गई
छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में मंगलवार का दिन एक बड़ी सफलता लेकर आया। सुरक्षाबलों ने नक्सल संगठन के सबसे युवा और कुख्यात कमांडर हिड़मा को मार गिराया है।
मुठभेड़ में मारा गया सबसे बड़ा नक्सली कमांडर हिड़मा
लीलाधर राठी, गणेश मिश्रा- सुकमा। छत्तीसगढ़ और देश को नक्सलमुक्त बनाने के लिए सुरक्षाबलों को जिस नक्सल कमांडर की तलाश थी, वह हिड़मा मंगलवार की सुबह मारा गया। प्रदेश के सुकमा जिले की सीमा से लगते आंध्रपदेश के अल्लूरी सीतारामराजू ज़िले के मारेडुमिली क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने हिड़मा को उसकी पत्नी के साथ मार गिराया। हिड़मा के साथ कुल छह नक्सली इस मुठभेड़ में मारे गए हैं।
बस्तर आईजी पी. सुंदराज ने बताया कि, छत्तीसगढ़ जवानों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ में देश का मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा और उसकी पत्नी राजे मारी गयी हैं। इस मुठभेड़ के बाद अब तक छह नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। यह मुठभेड़ सोमवार सुबह से चल रही थी। सुबह से लेकर देर शाम तक गोलियों की आवाज़ गूंजती रही और सुरक्षा बल जंगलों में लगातार सर्चिंग में जुटे रहे।
अल्लूरी सीताराम राजू ज़िले में हुई मुठभेड़
सुकमा जिले से लगती आंधप्रदेश की सीमा पर सथित अल्लूरी सीतारामराजू ज़िले के मारेडुमिली में पुलिस- माओवादी के बीच यह मुठभेड़ हुई। सूत्रों के मुताबिक, आंध्र प्रदेश- छत्तीसगढ़- ओडिशा सीमा क्षेत्रों में हाल ही में माओवादियों की गतिविधियों में बढ़ोतरी की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने अभियान तेज किया है।
मारे गए 6 में से चार की पहचान इस प्रकार हुई है-
1. Hidma - CC member
2. Madagam Raje w/o Hidma - SZCM
3. Lakmal - DCM
4. Kamlu - PPCM
5. Malla - PPCM
6. Deve - Guard of Hidma
घटनास्थल से हथियार बरामद
मुठभेड़ के बाद अधिकारी ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुआ है। जिनमें 2 एके 47 1 पिस्टल 1 रिवॉल्वर v ek singl, शर्ट, रायफल बरामद किया गया है।
सबसे युवा सेंट्रल कमेटी मेंबर था हिड़मा
बताया जाता है कि, माड़वी हिडमा (जन्म लगभग 1981) बस्तर संभाग का ही रहने वाला था। अपनी नियुक्ति के समय भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे युवा सदस्य था। हिडमा छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों पर हुए विभिन्न हमलों और 2013 में दरभा घाटी में हुए नक्सली हमले के लिए ज़िम्मेदार था। उसकी गिरफ्तारी पर 1 करोड़ का ईनाम रखा गया था।
जानिए कौन था हिडमा
हिडमा दक्षिण सुकमा के पूर्वती गांव का रहने वाला था। कहा जाता है कि, वह महज 16 साल की उम्र में ही नक्सल संगठन से जुड़ गया था। इसके बाद नक्सलियों के एजुकेशन सिस्टम और कल्चरल कमेटी से उसने पढ़ना- लिखना सीखा। यहीं पर उसने गाना- बजाना तक सीखा। इसके बाद ट्रेनिंग पूरी होते ही उसकी पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र के गढ़चिरौली इलाके में हुई।
सबसे युवा सेंट्रल कमेटी मेंबर था हिडमा
हिडमा सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य था। नक्सल संगठन में काम करते- करते वह नक्सलियों के खतरनाक चेहरों में शामिल हो गया। हिडमा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PGLA) की बटालियन-1 का चीफ और माओवादी स्पेशल जोनल कमेटी (DKSZ) का भी सदस्य था। वह सीपीआई (माओवादी) की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी में भी शामिल था।
रमन्ना की मौत के बाद बना शीर्ष कमांडर
हिड़मा कई बड़े नक्सल घटनाओं में सीधे तौर पर शामिल रहा है। इनमें झीरम, बीजापुर और बुर्कापाल हमले का नेतृत्व भी हिडमा ने ही किया था। वहीं दंतेवाड़ा हमला भी हिडमा के नेतृत्व में हुआ था इस हमले में 76 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के बाद से संगठन में हिडमा की हैसियत बढ़ गई। कहा जाता है कि, 2019 में रमन्ना की मौत के बाद हिडमा को नक्सलियों का शीर्ष कमांडर बना दिया गया था।
इन बड़े हमलों का मास्टर माइंड था हिडमा
इन प्रमुख बड़े नक्सली हमलों अर्पालमेटा, ताड़मेटला, बुरकापाल, मिनापा, कसालपाड, टेकुलगुडेम का मास्टरमाइंड था।
कलेक्टर अपहरण
धर्माराम शिविर में हमला
पिडमेल घटना
इंजराम घटना
अर्राबोर राहत शिविर में हमला
Tongguda नाला की घटना
डिप्टी सीएम शर्मा ने हिडमा की माता से की थी मुलाकात
बीते दिनों छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने पूर्वर्ती गांव में नक्सल लीडर हिड़मा की माता माड़वी पुंजी और बारसे देवा की माता बारसे सिंगे से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि, यदि वे पुनर्वास करते हैं तो सरकार उनका पूरा ध्यान रखेगी। नक्सल लीडर की माताओं ने भी वीडियो जारी कर अपने बेटों को पुनर्वास करने को कहा। उपमुख्यमंत्री ने नक्सल लीडर के परिवारों के साथ भोजन भी किया। उन्होंने सभी से संवाद करते हुए क्षेत्र में विकास की आवश्यकता पर चर्चा की।
शांति के मार्ग में लौटने की अपील की थी
डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा था कि बस्तर को अमन, चैन, शांति और सुरक्षा के साथ विकास के पथ पर अग्रसर करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। राज्य सरकार हर हाल में बस्तर को हिंसा मुक्त करने के लिए संकल्पित है। बस्तर में शांति, सुरक्षा और विकास सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा था कि वर्षों से बस्तर संभाग के आदिवासी अंचल विकास से वंचित रहे हैं लेकिन अब समय आ गया है कि सभी मिलकर बस्तर को शांति और प्रगति के मार्ग पर ले जाएँ।