अनुशासित वित्तीय नीति का दिख रहा असर: छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती, राजस्व में हो रही सतत वृद्धि
मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में BJP सरकार द्वारा किए गए वित्तीय और प्रशासनिक सुधारों से छत्तीसगढ़ के राजस्व संग्रह में ऐतिहासिक और सतत वृद्धि दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में दिसंबर 2023 को गठित भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए अनुशासित वित्तीय प्रबंधन, प्रशासनिक पारदर्शिता और तकनीक-आधारित सुधारों को प्राथमिकता दी। सरकार का उद्देश्य केवल तात्कालिक राजस्व वृद्धि नहीं, बल्कि एक स्थायी, आत्मनिर्भर और मजबूत राजकोषीय संरचना का निर्माण रहा है।
GST और कर राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धिवित्त वर्ष 2024–25 में छत्तीसगढ़ का कुल GST संग्रह ₹16,390 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि देश के प्रमुख राज्यों में सर्वाधिक रही। मार्च 2025 में पहली बार राज्य ने ₹2,000 करोड़ से अधिक का मासिक GST संग्रह दर्ज किया, जिसमें SGST का योगदान ₹1,300 करोड़ से अधिक रहा। GST और वैट के माध्यम से कुल ₹23,448 करोड़ का कर राजस्व प्राप्त हुआ, जो राज्य के कुल कर राजस्व का लगभग 38 प्रतिशत है।
कर अनुपालन और डिजिटल निगरानी से बढ़ा राजस्व
वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा डेटा एनालिटिक्स और जोखिम-आधारित निगरानी को अपनाया गया-
- कर चोरी की आशंका वाले 49 क्षेत्रों की पहचान से ₹101 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व
- 36,000 से अधिक व्यापारियों से प्रत्यक्ष संवाद
- GSTR-7 समय पर दाखिल कराने से ₹37 करोड़ का अतिरिक्त संग्रह
- इन प्रयासों से कर प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास दोनों बढ़े।
खनिज क्षेत्र से रिकॉर्ड राजस्व
वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ ने खनिज क्षेत्र से ₹14,195 करोड़ का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया। अक्टूबर 2025 में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव के दौरान सरकार ने- Khanij Online 2.0, DMF Portal 2.0 और Sand Reverse Auction System जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किए, जिससे खनन प्रक्रिया पारदर्शी हुई और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगा। इसी अवधि में DMF के अंतर्गत ₹1,673 करोड़ की राशि प्राप्त हुई, जिसका उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास में किया जा रहा है।
भूमि रिकॉर्ड डिजिटलीकरण से भू-राजस्व में स्थिरता
सरकार ने राज्य के 20,551 गांवों के भूमि अभिलेखों का पूर्ण डिजिटलीकरण किया, जिसमें 2.5 करोड़ खसरा प्रविष्टियाँ शामिल हैं। ऑटो-डायवर्सन सिस्टम लागू कर 15 दिनों में मामलों के निपटारे का लक्ष्य तय किया गया, जिससे सेवाओं में तेजी और भू-राजस्व संग्रह में मजबूती आई।
निवेश और औद्योगिक विकास से भविष्य का राजस्व आधार
Ease of Doing Business को बढ़ावा देते हुए जुलाई 2025 में One-Click Single Window System 2.0 लॉन्च किया गया। इस पहल से राज्य को ₹1.23 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। नए उद्योगों से भविष्य में GST, स्टांप ड्यूटी और रोजगार आधारित करों के रूप में स्थायी राजस्व की संभावनाएं बनी हैं।
बजटीय अनुशासन और पूंजीगत निवेश
वित्त वर्ष 2025 के बजट में ₹26,000 करोड़ से अधिक का पूंजीगत व्यय रखा गया, जो पिछले वर्ष से लगभग 18 प्रतिशत अधिक है। इससे सड़क, ऊर्जा, औद्योगिक और बुनियादी ढांचे में निवेश बढ़ा है, जो दीर्घकालिक राजस्व सृजन का आधार बनेगा।
अंजोर विजन 2047: दीर्घकालिक आर्थिक रोडमैप
राज्य सरकार द्वारा घोषित 'अंजोर विजन 2047' के तहत 13 प्रमुख क्षेत्रों और 10 मिशनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से सशक्त राज्य बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें उद्योग, खनन, ऊर्जा, कृषि प्रसंस्करण और डिजिटल अर्थव्यवस्था को राजस्व वृद्धि के प्रमुख स्तंभ माना गया है।
मजबूत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़ की ओर कदम
समग्र रूप से देखा जाए तो मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में BJP सरकार ने कर सुधार, डिजिटल प्रशासन, खनिज नीति, निवेश प्रोत्साहन और बजटीय अनुशासन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की राजस्व प्रणाली को अधिक मजबूत, पारदर्शी और टिकाऊ बनाया है। यह केवल वर्तमान उपलब्धि नहीं, बल्कि राज्य की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और आत्मनिर्भरता की ठोस नींव है।