शीत सत्र में आएगा धर्मांतरण संशोधन विधेयक: ड्राफ्ट तैयार, दो माह पहले देनी होगी धर्म बदलने के लिए अर्जी, कड़ी सजा का होगा प्रावधान
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा। गृहमंत्री ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि, विधेयक के आने के बाद नियमों में कई बदलाव होंगे।
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रायपुर। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा। गृहमंत्री विजय शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि, विधेयक के आने के बाद नियमों में कई बदलाव होंगे। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर विवाद न बढ़े, इसलिए गृहमंत्री के नेतृत्व में नया ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है। ड्रॉफ्ट के अनुसार, अब किसी एक धर्म से दूसरे धर्म में जाना आसान नहीं होगा। धर्म परिवर्तन केवल पूरी प्रक्रिया और नियम कानून का पालन करने के बाद ही किया जा सकेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार धार्मिक स्वतंत्रता कानून भी बनाने जा रही है। नियमों का उल्लंघन करने या जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर जेल के साथ कड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा। 9 राज्यों के धर्मांतरण संबंधी प्रावधानों के आधार पर ड्रॉफ्ट तैयार किया गया है। छत्तीसगढ़ में बस्तर, जशपुर, रायगढ़ क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आदिवासियों का धर्मांतरण होने की बात सामने आती रही है। अभी धर्मांतरण की प्रक्रिया को वैधानिक मान्यता देने वाला कोई नियम नहीं है।
60 दिन पहले देनी होगी सूचना
लोग किसी अन्य धर्म के अनुयायियों की बातों या प्रभाव में आकर उस धर्म को अपनाते हैं। उनकी पूजा-पद्धतियों को मानकर खुद को उस धर्म का अनुयायी घोषित कर देते हैं। अगर कोई व्यक्ति इस प्रस्तावित नियम के बाहर जाकर धर्म परिवर्तन करता है तो उसे वैध नहीं माना जाएगा। साथ ही किसी पर दबाव बनाकर या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। धर्म बदलने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से 60 दिन पहले जानकारी देनी होगी। जबरन धर्मांतरण कराए जाने की शिकायत पाए जाने पर सजा का प्रावधान किया गया है।
ये है धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम
अधिनियम के तहत प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने का अधिकार है। इस स्वतंत्रता को लोकतंत्र का प्रतीक माना जाता है। धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद के धर्म का अभ्यास करने और उसका पालन करने का अधिकार है।
आदिवासी क्षेत्रों में आए कई मामले
फिलहाल गृह विभाग अन्य राज्यों के बनाए गए ऐसे कानूनों का अध्ययन कर रहा है, जिससे छत्तीसगढ़ में भी एक स्पष्ट और मजबूत नियम तैयार किया जा सके। आदिवासी और धर्म परिवर्तन करने वाले आदिवासियों के बीच कई बार गंभीर विवाद हो चुका है। कानून व्यवस्था बिगड़ चुकी है। इस कारण छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे विवाद को टालने और धर्मातरण पर एक कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू की है।
14 से 17 दिसंबर तक चलेगा सत्र
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 से 17 दिसंबर तक चलेगा। नए विधानसभा भवन में सत्र के दौरान रविवार 14 दिसंबर को विजन 2047 को लेकर चर्चा रखी गई है। शेष तीन दिन सदन में प्रश्नकाल सहित शासकीय और वित्तीय कार्य किए जाएंगे।