परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव: तिमाही- छमाही के अंक भी वार्षिक परीक्षा के परिणामों में जुड़ेंगे

प्रदेशभर के शासकीय विद्यालयों में परीक्षा प्रणाणी में बड़ा बदलाव किया गया है। यह बदलाव मौजूदा शैक्षणिक सत्र अर्थात 2025-26 से ही लागू होगा।

Updated On 2025-12-22 11:59:00 IST

File Photo 

रुचि वर्मा- रायपुर। प्रदेशभर के शासकीय विद्यालयों में परीक्षा प्रणाणी में बड़ा बदलाव किया गया है। यह बदलाव मौजूदा शैक्षणिक सत्र अर्थात 2025-26 से ही लागू होगा। इसके अनुसार, अब अंतिम परीक्षा परिणाम वार्षिक परीक्षाओं के साथ-साथ तिमाही-छमाही के नतीजों को मिलाकर तैयार किया जाएगा। सामान्य शब्दों में अंतिम परीक्षा परिणाम में तिमाही और छमाही के अंक भी जुड़ेंगे। विभिन्न कक्षाओं में तिमाही -छमाही और वार्षिक परीक्षाओं का अधिभार अर्थात जोड़े जाने वाले अंकों का अंश भिन्न-भिन्न होगा।

ये नियम बोर्ड कक्षाओं अर्थात 10वीं-12वीं सहित 5वीं-8वीं में भी लागू नहीं होंगे। केवल होमबोर्ड कक्षाओं अर्थात स्कूली स्तर पर होने वाली परीक्षाओं के लिए ही इसे लागू किया गया है। इस संदर्भ में आदेश जारी किया जा चुका है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, नई व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि शाला प्रबंधन के साथ छात्र भी इसे गंभीरता से लें। मॉनिटरिंग नहीं होने की स्थिति में शासकीय विद्यालयों में तिमाही-छमाही परीक्षाओं को खानापूर्ति के तौर पर ही लिया जाता है। छात्र भी इसे अधिक गंभीरता से नहीं लेते। इस कारण वार्षिक परीक्षाओं के दौरान छात्रों पर तैयारी का दबाव बढ़ जाता है और परिणाम भी प्रभावित है। विभाग को उम्मीद है कि तिमाही-छमाही के अंक जोड़े जाने से विद्यार्थी पूरे वर्ष पढ़ाई को गंभीरता से लेंगे।

निजी स्कूलों में लागू नहीं
मार्किंग संबंधित नया नियम प्रदेश के निजी स्कूलों में लागू नहीं होगा। इसे केवल शासकीय विद्यालयों में ही लागू किया जा रहा है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों सहित प्राचार्यों को भी इस संदर्भ में सूचित कर दिया गया है ताकि वे नए नियमों के अनुसार ही परीक्षा की तैयारी करवाएं। स्कूली छात्रों को भी इस नए नियम से परिचित कराने कहा गया है ताकि विद्यार्थी तिमाही और छमाही परीक्षाओं को भी गंभीरता से लें। प्रदेश में यह पहली बार होगा, जब अंतिम परीक्षा परिणाम वार्षिक परीक्षा के साथ ही तिमाही व छमाही को मिलाकर तैयार किए जाएंगे। वहीं, निजी स्कूल पूर्व की तरह वार्षिक परीक्षाओं के आधार पर ही अंतिम परिणाम तैयार कर सकेंगे।

इसे ऐसे समझें
मान लीजिए, तिमाही-छमाही और वार्षिक परीक्षा तीनों ही 100-100 अंकों की हुई। तिमाही परीक्षा में छात्र को 100 में से 80 अंक मिले। चूंकि अंतिम परिणाम में तिमाही परीक्षा के 20 प्रतिशत अंक जोड़े जाएंगे, ऐसे में इसका अधिभार या वेटेज निकाला जाएगा। अर्थात यदि तिमाही परीक्षा 100 की जगह 20 प्रतिशत अंकों की होती तो 80 अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को कितने अंक मिलेंगे, यह निकाला जाएगा। यही अंक अंतिम परिणाम में जुड़ेंगे। इसी फॉर्मूले से छमाही का भी वेटेज निकाला जाएगा और वार्षिक परीक्षाओं का भी। अंत में सभी का अधिभार जोड़कर अंतिम परिणाम तैयार होगा।

जानिए... कौन सी कक्षा में कितने अंक

  1. पहली से चौथी कक्षा + छठवीं व सातवीं-तिमाही के 20%, अर्द्धवार्षिक के 20%, वार्षिक के 60% अंक
  2. नवमी व ग्यारहवीं कक्षा-तिमाही के अंक नहीं जुड़ेंगे, अर्द्धवार्षिक के 30% अंक व वार्षिक के 70% अंक
  3. नोट- 5वीं-8वीं तथा 10वीं-12वीं पूर्व की भांति बोर्ड परीक्षा के अंतर्गत ही आएगी, इसलिए इन कक्षाओं के अंतिम परिणाम तिमाही-छमाही के अंक नहीं जोड़े जाएंगे।

Tags:    

Similar News