हिंदी दिवस: साहित्यकार डॉ. विनय पाठक बोले- बिलासपुर जेल से जुड़ी है हिंदी की विरासत
बिलासपुर जिले की जेल में हिंदी दिवस के अवसर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें डिप्टी सीएम अरुण साव और साहित्यकार डॉ. विनय पाठक शामिल हुए।
मंच पर बैठे डिप्टी सीएम अरुण साव और साहित्यकार डॉ. विनय पाठक
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की जेल में हिंदी दिवस के अवसर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें डिप्टी सीएम अरुण साव और छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं साहित्यकार डॉ. विनय पाठक शामिल हुए।
हिंदी दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष और साहित्यकार डॉ. विनय पाठक ने याद दिलाते हुए कहा कि, महात्मा गांधी, जो गुजराती भाषी थे। उन्होंने भी आजादी की लड़ाई में हिंदी को जन-जन तक पहुंचाने का जरिया बनाया। गांधीजी ने अपने कई भाषणों में हिंदी का इस्तेमाल किया और इसे देश की एकता की भाषा बताया। डॉ. श्री पाठक ने बिलासपुर के ऐतिहासिक सेंट्रल जेल का जिक्र भी किया, जहां स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में मशहूर कवि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी को बंदी बनाकर रखा गया था। उनकी अमर कविता ‘पुष्प की अभिलाषा’ आज भी स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल है और पीढ़ी दर पीढ़ी बच्चों को देशभक्ति का संदेश देती है। हाल ही में प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव भी सेंट्रल जेल पहुंचे थे।
माखनलाल चतुर्वेदी आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा
वहां उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी को नमन किया और उनकी रचनाओं को आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा बताया था। हिंदी दिवस के मौके पर यह संदेश एक बार फिर सामने आया है कि हिंदी सिर्फ भाषा नहीं, बल्कि आजादी की लड़ाई से लेकर सांस्कृतिक पहचान तक, हमारे अस्तित्व का अभिन्न हिस्सा है।