सोशल मीडिया पोस्ट पर विवाद में युवक की हत्या: समाज में आक्रोश, आरोपी को फांसी और सरकारी नौकरी की मांग
बेमेतरा जिले के ग्राम हरदी में सोशल मीडिया विवाद के बाद युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। सतनामी समाज में आक्रोश का माहौल है।
युवक की हत्या से सतनामी समाज में आक्रोश
सूरज सिन्हा- बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले से एक हैरान देने वाला मामला सामने आया है। जहां नवागढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम हरदी में बीती रात हुई युवक की निर्मम हत्या के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है।
मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी युवक विक्रम साहू ने सोशल मीडिया पर सतनामी समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मृतक टार्जन गायकवाड़ ने इस टिप्पणी का विरोध किया, जिसके चलते आरोपी ने विवाद के दौरान टार्जन पर चाकू से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल टार्जन की मौके पर ही मौत हो गई। बताया जा रहा है कि, सतनामी समाज ने नवागढ़ चौक में चक्काजाम कर दिया है।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
दरअसल, आरोपी युवक विक्रम साहू ने सोशल मीडिया पर सतनामी समाज के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मृतक टार्जन गायकवाड़ ने इस टिप्पणी का विरोध किया, जिसके चलते आरोपी ने विवाद के दौरान टार्जन पर चाकू से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल टार्जन की मौके पर ही मौत हो गई।
आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग
इस घटना के बॉस सतनामी समाज में भारी आक्रोश फ़ैल गया है। बड़ी संख्या में समाज के लोग एकत्र होकर आरोपी को फांसी की सजा देने और मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी व मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर हालात को नियंत्रित करने में जुटी हुई है। फिलहाल, गांव में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
पति-पुत्र ने की थी महिला की हत्या
वहीं 24 सितंबर को राजधानी रायपुर में डेढ़ वर्ष पुरानी हत्या के रहस्य से आखिरकार पर्दा उठ गया था। खमतराई थाना पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए मृतका के पति और पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने महिला का दबाकर हत्या की थी और मामले को छिपाने की कोशिश की थी। डीएनए टेस्ट के आधार पर सच्चाई सामने आई, जिसके बाद पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया।
आरोपियों ने की थी पुलिस को गुमारह करने की कोशिश
पुलिस के अनुसार, मृतका कांति साहू की हत्या उसके ही पति डोमर साहू और पुत्र धरम राज साहू ने मिलकर की थी। घटना के समय आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी, लेकिन सबूतों के अभाव में मामला ठंडा पड़ गया था। जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने डीएनए जांच कराई, जिसमें दोनों आरोपियों की संलिप्तता साबित हो गई।