बलौदाबाजार ने हासिल की राष्ट्रीय उपलब्धि: ‘जल संचय जनभागीदारी पुरस्कार 1.0’ से सम्मानित हुए कलेक्टर दीपक सोनी

बलौदाबाजार जिले को विज्ञान भवन, नई दिल्ली के प्लेनरी हॉल में आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में ‘जल संचय जनभागीदारी पुरस्कार 1.0’ से सम्मानित किया गया।

Updated On 2025-11-18 15:05:00 IST

कलेक्टर दीपक सोनी पुरस्कार लेते हुए

कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करते हुए बलौदाबाजार-भाटापारा जिले ने राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। विज्ञान भवन, नई दिल्ली के प्लेनरी हॉल में आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में जिले को ‘जल संचय जनभागीदारी पुरस्कार 1.0’ से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में यह पुरस्कार केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल द्वारा प्रदान किया गया। जिले की ओर से कार्यक्रम में उपस्थित कलेक्टर दीपक सोनी ने एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि का चेक तथा प्रशस्ति पत्र ग्रहण किया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री वी. सोमन्ना एवं राजभूषण चौधरी भी उपस्थित रहे।

पूर्वी क्षेत्र कैटेगरी-2 में मिला अवॉर्ड
जिला पूर्वी क्षेत्र कैटेगरी-2 के अंतर्गत चयनित हुआ है। जिले को यह सम्मान जल संचयन के क्षेत्र में समयबद्ध और प्रभावी कार्यों के आधार पर प्राप्त हुआ। जल संचय महाभियान के दौरान जिले में 30,927 जल संरचनाओं का निर्माण पूरा किया गया, जो चयन का प्रमुख आधार रहा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन तथा कलेक्टर दीपक सोनी के नेतृत्व में जिले के विभिन्न ग्रामों में जल संसाधन संरक्षण और संवर्धन को जन आंदोलन का स्वरूप दिया गया।

31 मई 2025 तक 35,793 जल संरचनाएँ निर्मित
जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार जल संचय जनभागीदारी अभियान के तहत 31 मई 2025 तक कुल 35,793 जल संरचनाएँ बनाई गईं। इन संरचनाओं में- नवीन तालाब, सामुदायिक व निजी डबरी, परकोलेशन टैंक, कुएँ, रिचार्ज पिट, गली प्लग, चेकडैम, सोक पिट, अमृत सरोवर, एनीकट, स्टॉप डैम, नहर जीर्णोद्धार, स्टेग्रेडेड कंटूर ट्रेंच, गेबियन स्ट्रक्चर, व्यपवर्तन संरचनाएँ शामिल हैं। इन कार्यों का निर्माण मनरेगा, CAMPA, CSR फंड, राज्य बजट एवं अन्य केंद्रीय निधियों से किया गया है।


जनभागीदारी मॉडल बना सफलता का आधार
जिले में जल संचयन के प्रति जागरूकता और समुदाय की सहभागिता इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत रही। ग्राम पंचायतों और स्थानीय नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से कई स्थानों पर सोखता गड्ढा, चेकडैम और जलाशयों का पुनर्जीवन प्रभावी ढंग से संपन्न हुआ। इन प्रयासों से जिले में भूजल स्तर सुधरा है और कृषि सिंचाई क्षमता में वृद्धि दर्ज की गई है।

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