सनातन महाकुंभ: पटना में जुटा संत समाज, रामभद्राचार्य बोले-बिहार में अब हिंदू विरोधियों को सत्ता नहीं; धीरेंद्र शास्त्री करेंगे पदयात्रा

पटना में रविवार को सनातन महाकुंभ हुआ। धीरेंद्र शास्त्री बोले- हिंदू एक हैं। रामभद्राचार्य ने कहा – अब बिहार में हिंदू विरोधियों को सत्ता नहीं।

By :  Desk
Updated On 2025-07-06 18:31:00 IST

Sanatan Mahakumbh Patna 

Sanatan Mahakumbh Patna: बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में रविवार (6 जुलाई) को ‘सनातन महाकुंभ’ हुआ। इसमें देशभर से संत महात्मा और श्रद्धालु शामिल हुए। जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा-बिहार में अब हिंदू विरोधियों को सत्ता नहीं मिलने वाली। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पदयात्रा करने का ऐलान किया। कहा, हम हिंदूओं का बंटने देंगे न घटने देंगे। 

पटना में यह सनातन महाकुंभ पहली बार हुआ। इसमें पंडित धीरेंद्र शास्त्री, जगतगुरु राम भद्राचार्य, जगतगुरु स्वरूपानंद सरस्वती, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य सनातन संस्कृति का प्रचार-प्रसार और धर्म-संरक्षण का संदेश देना था।

धीरेंद्र शास्त्री ने क्या कहा?

  • बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, सनातन का मतलब हिंसा नहीं, अहिंसा है। इस दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद बिहार में पदयात्रा करने का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने 7 से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन यात्रा का आह्वान किया।
  • धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, बिहार के पागलों, याद रखो – हम सब हिंदू हैं। हमें जाति, भाषा और क्षेत्र के नाम पर नहीं बंटना है। कोई कितना भी राजनीति कर ले, हम हिंदू अलग नहीं होंगे।


रामभद्राचार्य ने दी बहस की चुनौती

  • राम भद्राचार्य ने कहा, बिहार अब हिन्दू विरोधियों को सत्ता नहीं सौंपने वाला। उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री को राम चरितमानस पर बहस की खुली चुनौती दी। उन्होंने अपनी मां का दूध पिया है तो मेरे सामने आकर इस मुद्दे पर बात करें। अगर मेरे सवालों का जवाब नहीं दे पाए तो गंगा में समाधि लेनी पड़ेगी।
  • राम भद्राचार्य ने कहा, मैं इसी गांधी मैदान में 9 दिन की कथा करने आऊंगा। जिन्हें यहां रहना है उन्हें रघुवर का होकर ही रहेगा पड़ेगा। जो बाबर और अकबर का होगा, उसे देश में नहीं रहने दिया जाएगा। 

पूरे देश से जुटे संत, किया वैदिक अनुष्ठान
इस ऐतिहासिक महाकुंभ की शुरुआत हनुमान चालीसा और परशुराम चालीसा पाठ से हुई। इसके बाद हवन-पूजन, वैदिक मंत्रोच्चार, भजन संध्या और संत समागम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने किया। उन्होंने कहा, बिहार की धरती पर सनातन जागरण अब स्थायी रूप से शुरू हो गया है।

क्यों खास है सनातन महाकुंभ?
बिहार में पहली बार इतने बड़े स्तर पर कोई धार्मिक आयोजन हुआ है। इसमें धार्मिक एकता, सामाजिक समरसता और हिंदू सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण पर जोर दिया गया। आयोजकों ने हर साल ऐसे कार्यक्रम करने का संकल्प लिया। 

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