बिहार SIR विवाद: 67,826 डुप्लीकेट वोटर पर EC का जवाब, रिपोर्ट्स पर उठाए सवाल; जानें क्या कहा?
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) ने मतदाता सूची में डुप्लिकेट मतदाताओं के आरोपों का खंडन किया। कहा, यह मसौदा सूची है। सार्वजनिक जांच के बाद अंतिम सूची आएगी। पढ़ें पूरी खबर।
बिहार चुनाव: 67,826 डुप्लीकेट वोटर पर चुनाव आयोग का जवाब
Bihar Voter Duplicate Dispute: बिहार की मतदाता सूची (मसौदा सूची) में व्यापक पैमाने पर डुप्लिकेट वोटर सामने आए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 67,826 वोटर ऐसे हैं, जिनके दो या उससे अधिक बार नाम जुड़ा हुआ है। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने इन दावों को पूरी तहर से खारिज किया है। कहा, यह मतदाता सूची का केवल मसौदा (ड्राफ्ट) है। सूची में दर्ज जानकारी अंतिम नहीं है।
बिहार चुनाव आयोग के सीईओ ने मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण ( SIR) को कानूनी प्रक्रिया बताया है। कहा, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के तहत समय समय पर यह संपन्न कराई जाती है। मसौदा सूची पर जनता, राजनीतिक दल और अन्य हितधारक दावे और आपत्तियाँ दर्ज करा सकते हैं। इसके बाद निर्वाचन अधिकारी इन आपत्तियों की जांच कर आवश्यक सुधार करते हैं।
मीडिया के आंकड़े सिर्फ अनुमान
चुनाव आयोग ने खंडन करते हुए कहा, मीडिया में प्रकाशित आंकड़े (67,826 डुप्लिकेट वोटर्स) सिर्फ नाम-रिश्ते और उम्र के मिलान पर आधारित अनुमान हैं। यह हमेशा सही साबित नहीं होते। ग्रामीण इलाकों में कई लोगों के नाम, पिता का नाम और उम्र एक जैसी होती है।
ERO नेट-2.0 सॉफ्टवेयर से पहचान
सीईओ ने बताया कि डुप्लिकेट पहचान के लिए ईआरओनेट-2.0 सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद बूथ स्तर के अधिकारी अंतिम सत्यापन करते हैं। ताकि, कोई वास्तविक मतदाता वोटिंग से वंचित न हो।