बिहार चुनाव: जदयू विधायक संजीव कुमार राजद में होंगे शामिल, तेजस्वी यादव साधेंगे भूमिहार वोट बैंक

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले बड़ा राजनीतिक उलटफेर। परबत्ता सीट से जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार 3 अक्टूबर को तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राजद में शामिल होंगे। भूमिहार वोटरों में पकड़ मजबूत करने की तैयारी में जुटी राजद।

Updated On 2025-10-07 14:31:00 IST

JDU विधायक संजीव कुमार राजद में हो सकते हैं शामिल।

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक समीकरण बदलते दिख रहे हैं। परबत्ता सीट से जदयू विधायक डॉ. संजीव कुमार अब राजद का दामन थामने जा रहे हैं। 3 अक्टूबर को तेजस्वी यादव की मौजूदगी में डॉ. संजीव राजद की सदस्यता ग्रहण करेंगे। इसके लिए गोगरी भगवान हाई स्कूल मैदान में बड़ी सभा का आयोजन किया गया है।

राजद में शामिल होने के कारण परबत्ता क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ को देखते हुए यह जदयू के लिए बड़ी क्षति मानी जा रही है।

चुनावी प्रदर्शन

डॉ. संजीव कुमार भूमिहार समाज से आते हैं और 2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार के रूप में महज 951 वोटों के अंतर से राष्‍ट्रीय जनता दल के दिगंबर प्रसाद तिवारी को हराए थे।

  • डॉ संजीव, जदयू: 77,226 वोट (41.61%)
  • दिगंबर प्रसाद तिवारी, राजद: 76,275 वोट (41.10%)

उनकी जाति और क्षेत्रीय पकड़ को देखते हुए राजद को भूमिहार वोटरों में फायदा मिलने की संभावना है।

नाराजगी और पार्टी विरोध

डॉ. संजीव पिछले कुछ समय से जदयू से नाराज़ चल रहे थे। जनवरी 2024 में नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन छोड़कर एनडीए में वापसी करने के बाद भी उनके रुख को लेकर चर्चाएँ तेज थीं। डॉ. संजीव ने आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ नेता उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं और उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

इस बीच, जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने डॉ. संजीव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें आरोप है कि वे पार्टी के विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। डॉ. संजीव इसे फर्जी मामला बताते हैं और कहते हैं कि यह उन्हें बदनाम करने के लिए किया गया।

तेजस्वी यादव की रणनीति

राजद अध्यक्ष तेजस्वी यादव डॉ. संजीव को पार्टी में शामिल कर भूमिहार वोट बैंक को साधने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। डॉ. संजीव ने पहले पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में ब्रह्मर्षि समाज की बैठक बुलाई थी, जिसे उनके वोटरों में पकड़ मजबूत करने की तैयारी के रूप में देखा गया।

राजद में डॉ. संजीव के आने से परबत्ता सीट पर जदयू की स्थिति कमजोर पड़ सकती है, जबकि राजद को चुनावी लाभ मिलने की उम्मीद है।

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