भाजपा प्रत्याशी अशोक कुमार सिंह की बायोग्राफी: एक क्लिक में जानिए उम्र शिक्षा परिवार संपत्ति और राजनीतिक सफर
रामगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी कैंडिडेट अशोक कुमार सिंह की उम्र, शिक्षा, परिवार, जाति, संपत्ति और राजनीतिक करियर की पूरी जानकारी। बिहार चुनाव 2025 के उम्मीदवार की जीवनी पढ़ें।
2020 विधानसभा चुनाव में उन्हें राजद के सुधाकर सिंह ने केवल 189 वोटों से हराया था।
जीवन परिचय (अशोक कुमार सिंह ) : बिहार की राजनीति में रामगढ़ की निर्णायक भूमिका है, वर्तमान में बिहार की राजनीति तीव्र चुनावी घमासान और गठबंधन की उठापटक के दौर से गुजर रही है। इस माहौल में, रामगढ़ विधानसभा सीट राज्य की सत्ता की चाबी मानी जाने वाली शाहाबाद क्षेत्र में एक अत्यंत निर्णायक भूमिका निभाती है। कैमूर जिले के अंतर्गत आने वाली यह सीट इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि यहां राजपूत, दलित, यादव और मुस्लिम मतदाताओं के जटिल समीकरण किसी भी चुनाव के परिणाम को सीधे प्रभावित करते हैं।
रामगढ़ सीट पर जीत दर्ज करना न केवल क्षेत्रीय वर्चस्व स्थापित करता है, बल्कि राज्यव्यापी गठबंधनों के लिए भी एक मजबूत संकेत देता है। इसी निर्णायक रणभूमि में भारतीय जनता पार्टी के अनुभवी नेता अशोक कुमार सिंह प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में खड़े हैं। वह इस क्षेत्र में कमल खिलाने वाले और लालू परिवार के गढ़ में सेंध लगाने वाले नेता के रूप में अपनी मजबूत पहचान बनाए हुए हैं।
व्यक्तिगत पृष्ठभूमि, शिक्षा और पारिवारिक जीवन
अशोक कुमार सिंह का जन्म हरिद्वार सिंह के यहा हुआ था। चुनावी हलफनामे के अनुसार उनकी आयु लगभग 59 वर्ष है। अशोक कुमार सिंह राजपूत समुदाय से संबंध रखते हैं, जो रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक मतदाता वर्ग है। वह विवाहित हैं और उनकी पत्नी का पेशा गृहणी है। उनका मूल और स्थायी पता ग्राम-गोरसारा, पोस्ट-रामगढ़, जिला-कैमूर है। उन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की है।
उन्होंने 1990 में एम.जी.आर. विद्यापीठ, वाराणसी से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है। शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने अपनी आजीविका के रूप में मुख्य रूप से कृषि को चुना।
संपत्ति और आवास का विवरण
2025 के चुनाव से पहले दाखिल किए गए उनके नवीनतम सार्वजनिक घोषणापत्रों (2024 उप-चुनाव हलफनामे के आधार पर) के अनुसार, अशोक कुमार सिंह और उनकी पत्नी की कुल घोषित संपत्ति लगभग 86.23 लाख है। इसमें उनकी चल संपत्ति लगभग 32.73 लाख है, जिसमें नकदी, बैंक जमा और वित्तीय निवेश शामिल हैं। उनकी अचल संपत्ति का कुल मूल्य लगभग 53.50 लाख है, जिसमें कृषि भूमि और आवासीय संपत्तियां शामिल हैं।
उनके आवासीय भवन का मूल्य लगभग 40 लाख बताया गया है। इसके अलावा, उनके ऊपर लगभग 3.57 लाख की बैंक ऋण भी दर्ज हैं। कानूनी मोर्चे पर, उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 सहित कुछ आपराधिक मामले भी दर्ज।
वर्तमान राजनीतिक समीकरण और मुख्य विपक्षी उम्मीदवार
रामगढ़ विधानसभा सीट पर मुकाबला हमेशा त्रिकोणीय और करीबी रहा है, और 2025 के विधानसभा चुनाव में भी यह स्थिति बरकरार रहने की संभावना है। वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल के अजीत कुमार सिंह मुख्य विपक्षी उम्मीदवार हैं। अजीत कुमार सिंह राजद के कद्दावर नेता जगदानंद सिंह के बेटे और पूर्व विधायक सुधाकर सिंह के छोटे भाई हैं। 2024 के उपचुनाव में वह तीसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन महागठबंधन के प्रमुख चेहरे के रूप में वह कड़ी चुनौती पेश करते हैं।
तीसरा चुनौती के रूप में इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार सतीश कुमार यादव भी प्रमुख दावेदार हैं। 2024 के उपचुनाव में, सतीश यादव ने भाजपा के अशोक कुमार सिंह को कड़ी टक्कर दी थी, और वह केवल 1,362 वोटों के अंतर से उपविजेता रहे थे। बसपा इस क्षेत्र में लगातार अपनी लोकप्रियता बढ़ा रही है, खासकर दलित और कुछ मुस्लिम मतदाताओं के बीच, जिससे यह सीट भाजपा, राजद और बसपा के बीच एक त्रिकोणीय संघर्ष का केंद्र बनी हुई है।
प्रमुख राजनीतिक जीत और चुनावी प्रदर्शन
अशोक कुमार सिंह ने रामगढ़ सीट पर अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण जीत दर्ज की हैं। उन्होंने 2015 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की थी, जो इस सीट पर बीजेपी की पहली सफलता थी। 2024 उपचुनाव में उन्होंने एक बार फिर जीत हासिल की और बिहार विधानसभा के वर्तमान सदस्य बने। हालांकि, 2020 विधानसभा चुनाव में उन्हें राजद के सुधाकर सिंह से केवल 189 वोटों के करीबी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।