India on Pink Ball Test: टीम इंडिया की कमजोरी बनी पिंक बॉल? एडिलेड टेस्ट में हार की 4 मुख्य वजह   

India on Pink Ball Test: एडिलेड टेस्ट में भारतीय टीम की हार ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या भारतीय बल्लेबाजों को पिंक बॉल से खेलने में परेशानी होती है? भारत की हार की 4 मुख्य वजह हैं।

Updated On 2024-12-08 16:32:00 IST
Team India on Pink Ball Test

India on pink Ball: पर्थ टेस्ट में जीत से शुरुआत के बाद एडिलेड टेस्ट में भारत को करारी हार मिली। एडिलेड में डे-नाइट मुकाबला खेला गया। पिंक बॉल टेस्ट में भारत की हार चिंता बढ़ाती है। हैरानी की बात है कि यह मुकाबला सिर्फ 3 दिन के भीतर खत्म हो गया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह सबसे छोटा टेस्ट मुकाबला है, जो सिर्फ 7 सत्र और 1031 गेंदों तक खेला जा सका। एडिलेड ओवल में भारत की हार से उसकी पिंक बॉल के खिलाफ कमजोरी सामने आ गई है।

पहली पारी में मिशेल स्टार्क के खतरनाक स्पैल और बाद में ट्रेविस हेड की तेज पारी ने भारत की मुश्किल बढ़ा दी। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 157 रनों की बड़ी बढ़त ले ली। यही पर भारत ने टेस्ट गंवा दिया। पहली पारी में 180 रन पर ऑल आउट होने के बाद फैंस को उम्मीद थी कि पर्थ की तरह भारत यहां भी ऑस्ट्रेलिया को जल्दी समेट देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि कंगारूओं ने बड़ा स्कोर खड़ा कर लिया। वहीं पर भारत की हार की स्क्रिप्ट तैयार हो गई थी।

भारत पारी की हार से बाल-बाल बचा, दूसरे टेस्ट में रोहित शर्मा एंड कंपनी के लिए काफी चीजें गलत हुईं। भारत को उन क्षेत्रों की पहचान करना होगा जहां पिंक बॉल टेस्ट में भारत के लिए सब कुछ गलत हुआ, जिससे ऑस्ट्रेलिया को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में बराबरी हासिल करने में मदद मिली। एडिलेड में हार की ये रही 4 मुख्य वजह। 

1. पर्थ-एडिलेड टेस्ट में 10 दिन का ब्रेक
पर्थ टेस्ट जीतने के बाद टीम इंडिया के हौसले बुलंद हो गए। इसके बाद टीम को 10 दिन का ब्रेक मिला। यह ऑस्ट्रेलिया को अपनी रणनीति तैयार करने के लिए मुफीद साबित हुई। हालांकि टीम इंडिया ने भी अभ्यास किया लेकिन खिलाड़ी पर्थ की लय को जारी नहीं रख पाएं।   

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2. टीम इंडिया ने किए 3 बदलाव
क्रिकेट में पुरानी कहावत है कि जीतने वाली टीम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए, लेकिन भारत ने प्लेइंग 11 में 3 बदलाव किए। कप्तान रोहित शर्मा आए और शुभमन गिल फिट होकर लौटे। वाशिंग्टन सुंदर को बैठाकर अनुभवी स्पिनर आर अश्विन को टीम में शामिल किया गया। वाशिंगटन सुंदर की जगह अश्विन को टीम में शामिल करना आश्चर्य की बात रही। जबकि अश्विन ने मुकाबले में सिर्फ 1 ही विकेट मिला। ओपन करने वाले रोहित शर्मा जब मीडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने आए तो बैटिंग ऑर्डर का संतुलन बिगड़ गया। 

3. पिंक बॉल भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी 
भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस फैसले से माना गया कि टीम इंडिया पिंक बॉल की चुनौती का डंटकर सामना करेगी, लेकिन दोनों पारियों में भारत 200 रन भी नहीं बना पाया। ऐसे में जाहिर है कि रात में पिंक बॉल भारतीय बल्लेबाजों को परेशान करती है।  

4. महंगे साबित हुए गेंदबाज 
पर्थ टेस्ट में भारत की जीत में जसप्रीत बुमरा ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया, लेकिन दूसरे टेस्ट में बुमराह को दूसरे छोर से मदद नहीं मिली। पहली पारी में 180 रन पर ढेर होने के बाद भारतीय गेंदबाजों को ऑस्ट्रेलिया को कम स्कोर पर रोकना था, लेकिन गेंदबाज़ों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, जिससे ऑस्ट्रेलिया को बड़ा स्कोर बनाने में मदद मिली। तेज गेंदबाज बुमराह और मोहम्मद सिराज 4-4 विकेट लेने में सफल रहे, लेकिन मोहम्मद सिराज, हर्षित राणा और नीतीश रेड्डी महंगे साबित हुए। 

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