World cup final: 'मर जाएंगे लेकिन...' कप्तान हरमनप्रीत की एक बात ने कैसे फूंकी जान, टीम इंडिया बनी चैंपियन
World cup final: हरमनप्रीत कौर ने विश्व कप फाइनल की पहली पारी खत्म होने के दौरान ड्रेसिंग रूम में खिलाड़ियों से कहा था कि जीतेंगे तो साथ, हारेंगे तो भी साथ, लेकिन मैदान पर सब कुछ झोंक दो। इसी जोश ने टीम को एकजुट किया और भारत पहली बार विश्व चैंपियन बना।
World cup 2025 final: वर्ल्ड कप 2025 फाइनल में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जीत जितनी शानदार थी, उतनी ही जोशीली थी उस जीत के पीछे की कहानी। टीम की मीडियम-फास्ट बॉलर क्रांति गौड़ ने बताया कि यह जीत सिर्फ मैदान पर खेल से नहीं, बल्कि ड्रेसिंग रूम में बोले कुछ शब्दों से तय हो गई थी।
फाइनल में पहली पारी खत्म होने के बाद जब टीम ड्रेसिंग रूम लौटी, तो कप्तान हरमनप्रीत कौर ने साथियों को देखा और बस इतना कहा कि जीतेंगे तो एक साथ, हारेंगे तो भी एक साथ। आज मैदान में जाकर अपनी जान लगा दो। जो करना है, जैसे करना है करो, हम मर जाएंगे लेकिन बॉल रोकेंगे।
हरमनप्रीत दीदी की एक बात दिल में लगी: क्रांति
क्रांति बताती हैं कि यह सुनते ही पूरी टीम में अलग ही जोश दौड़ गया। हरमन दीदी के शब्दों ने हम सबके अंदर आग भर दी। सबको लगा कि अब पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं।
'छोटी बच्ची से मिली प्रेरणा'
क्रांति ने बताया कि सेमीफाइनल से पहले एक महिला अपनी चार महीने की बच्ची को लेकर टीम से मिलने आई थी। उसने कहा, 'मैं चाहती हूं मेरी बेटी बड़ी होकर आप जैसी क्रिकेटर बने। उस पल ने टीम को झकझोर दिया। हमने तय किया कि ये वर्ल्ड कप हम उस बच्ची और उन सभी लड़कियों के लिए जीतेंगे, जो हमसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहती हैं।'
क्रांति गौड़ का चमकदार प्रदर्शन
मध्य प्रदेश की रहने वाली 22 साल की क्रांति गौड़ पहले ही पाकिस्तान के खिलाफ धमाकेदार प्रदर्शन से सुर्खियां बटोर चुकी थीं। उन्हें उस मैच में प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया था। लेकिन इस वर्ल्ड कप जीत के बाद उनकी आंखों में सिर्फ खुशी थी। वो हंसते हुए कहती हैं कि रात भर जश्न मनाया, नींद बहुत थोड़ी आई लेकिन सुकून बहुत मिला क्योंकि अब वर्ल्ड कप हमारा है।
हरमनप्रीत कौर के जोश, टीम की एकजुटता और उन लाखों लड़कियों की उम्मीदों ने मिलकर वो कहानी लिखी, जिसे आने वाले सालों तक हर भारतीय याद रखेगा।