जेमिमा रोड्रिग्स की वापसी की कहानी: दिन, महीनों..सालों की खामोशी और आंसू जब चीखों में बदले और टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड
jemimah rodrigues comeback: जेमिमा रोड्रिग्स ने नाबाद 127 रन की ऐतिहासिक पारी खेलकर भारत को महिला वनडे इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज़ करने में मदद की।दो बार ड्रॉप होने और खराब फॉर्म से जूझने के बाद जेमिमा ने इस वर्ल्ड कप में शानदार वापसी की और उनकी कहानी खेल में सफल कमबैक की मिसाल है।
Jemimah rodrigues comeback: खेल की दुनिया में जेमिमा की कमबैक की कहानी सालों-साल याद रखी जाएगी।
jemimah rodrigues comeback: खेल की दुनिया में वापसी की कहानियां सबसे खूबसूरत होती हैं। डीवाई पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई में गुरुवार शाम भी कुछ ऐसा ही घटा, जब जेमिमा रोड्रिग्स ने अपनी जिंदगी और भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास की सबसे यादगार पारी खेली।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में जब टीम इंडिया 339 रन के बड़े लक्ष्य पीछा कर रहा थी, तब जेमिमा 82 पर थीं। उन्होंने एलेना किंग को स्लॉग स्वीप किया लेकिन गेंद दूर न जाकर हवा में ऊंची चली गई, भीड़ की सांसें ये देख थम सी गईं थीं। सबकी नजरें गेंद पर थी, जो हवा में नीचे आने के लिए कुलबुला रही थी। एलिसा हीली के हाथों में गेंद मानो समा ही गई थी लेकिन किस्मत और ऊपरवाले ने कुछ और ही तय कर रखा था गेंद अचानक हीली के हाथों से फिसल गई। मानों ये तय किया जा रहा था कि बहुत हुआ इस बार विश्व विजेता नया होगा।
यह वह पल था जब किस्मत ने जेमिमा को दूसरा मौका दिया और उन्होंने इसे दोनों हाथों से इस मौके को दबोच लिया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने एलबीडब्ल्यू का रिव्यू लिया, स्क्रीन पर दो रेड और एक ग्रीन, गेंद स्टंप्स की लाइन में ही थी लेकिन ऊपर से जा रही थी। एक बार फिर स्टेडियम शोर से फट पड़ा। जेमिमा ने मुस्कुराते हुए बल्ला उठाया, मानो कह रही हों, अब मुझे कोई रोक नहीं सकता।
जेमिमा की वापसी किसी सपने जैसी रही
पिच पर ही नहीं, बल्कि हवा में भी 75% से ज्यादा नमी थी और जेमिमा कई घंटे से खेल रही थीं। लेकिन ये सिर्फ उस दिन की कहानी नहीं थी। ये उन महीनों और सालों की कहानी थी जब वो खुद से, अपने आत्मविश्वास से जूझ रही थीं। बंद कमरे में घंटों रोती थीं... खुद से लड़ रहीं थीं। 2022 में खराब फॉर्म के चलते टीम से बाहर हुईं, फिर 2025 वर्ल्ड कप में दो डक और एक बार फिर ड्रॉप कर दी गईं। खुद को संभालना मुश्किल हो गया था। उन्होंने कहा भी कि कई दिन ऐसे थे, जब मैं बस रोती थी, खुद को सुन्न सा महसूस करती थी। लेकिन क्रिकेट या किसी भी खेल की खूबसूरत यही होती है कि ये दूसरा मौका हमेशा आता है। न्यूजीलैंड के खिलाफ वापसी करते हुए उन्होंने 76 रन बनाए, और फिर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वही जुनून लेकर उतरीं।
डिप्रेशन और नाकामी से जूझीं
स्मृति मंधाना के जल्दी आउट होते ही नवी मुंबई का डीवाय पाटिल स्टेडियम सन्नाटे में डूब गया था। तभी नंबर-3 पर अचानक जेमिमा उतरीं, जिन्हें खुद ये फैसला आने से 5 मिनट पहले ही पता चला था। शुरुआत में संयम से खेलते हुए उन्होंने धीरे-धीरे अपने शॉट्स निकाले, किम गार्थ के खिलाफ स्कूप, एश्ले गार्डनर पर चौका, बैकवर्ड पॉइंट से खूबसूरत कट, और हर बाउंड्री के साथ उम्मीदें लौटती गईं।
हरमनप्रीत कौर के साथ उनकी 167 रन की साझेदारी ने खेल को एक तरह से भारत की ओर मोड़ दिया। जब कप्तान 89 पर वापस लौटीं तो खेल काफी बचा था और विजय रथ पर सवार ऑस्ट्रेलिया तो मानो इसी मौके की तलाश में था लेकिन जेमिमा ने ऑस्ट्रेलिया को वापसी की जगह नहीं दी। उन्होंने एक छोर संभाले रखा। 117 गेंदों पर शतक पूरा किया, बिना किसी सेलिब्रेशन के, बस शांत मुस्कान के साथ वो ये बता रहीं थी कि अभी काम पूरा नहीं हुआ, लकीर पार करना बाकी है।
ऋचा घोष के आउट होने के बाद भी जेमिमा ने मैच पर पकड़ नहीं छोड़ी। एक-एक रन जोड़ते हुए उन्होंने टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचाया। आखिरी ओवर में जब अमनजोत कौर ने दो चौके जड़े तो भारत इतिहास बदल चुका था। जेमिमा घुटनों पर गिर गईं, शरीर शायद टूट ही चुका होगा...थकी हुईं...रोती हुईं लेकिन ये संतोष था कि आगाज को अंजाम तक पहुंचा दिया। साथी खिलाड़ी दौड़ती आईं, सबने उन्हें गले लगाया। वो पल सिर्फ जीत का नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और जिद की जीत थी।
2022 में जब वो वर्ल्ड कप टीम से बाहर हुई थीं, उन्होंने कहा था कि कई रातें थीं जब मैं बस रोती थी, लगा अब मैं खत्म हो गई हूं लेकिन उन्होंने खुद को संभाला, और अब 25 की उम्र में भारत को फाइनल में पहुंचाने वाली हीरो बन गईं, वो भी अपने पहले विश्व कप में। ये सिर्फ एक पारी नहीं थी, ये टूटे आत्मविश्वास की वापसी थी। जैसे 2017 में हरमनप्रीत कौर ने किया था, वैसे ही 2025 में जेमिमा ने इतिहास लिखा।
मैंने शतक का जश्न नहीं मनाया: जेमिमा
जेमिमा ने मैच के बाद कहा, 'जब मैं फिफ्टी और हंड्रेड पर पहुंची तो मैंने इसका जश्न नहीं मनाया क्योंकि मैं जानती थी, असली जश्न तो भारत की जीत के साथ है। मुझे कल सुबह उठकर ये एहसास चाहिए था कि हम फाइनल में हैं।'
हाल के दिनों में, खेलों में वापसी के कुछ ही मिसालें ऐसी रहीं हैं। शायद 2023 विश्व चैंपियनशिप में 4x400 मीटर मिक्स्ड रिले में गिरने के बाद फेमके बोल का उठना और एक साल बाद नीदरलैंड के लिए ओलंपिक स्वर्ण जीतना, या 35 साल के राफेल नडाल का 2022 ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में डेनियल मेदवेदेव के खिलाफ दो सेट से पिछड़ने के बाद लगभग नामुमकिन कमबैक। अब उस लिस्ट में एक और नाम जुड़ गया है- जेमिमा रोड्रिग्स।