तमिलनाडु में भीषण सड़क हादसा: दो बसों में की आमने-सामने से जोरदार टक्कर, 12 की मौत; 40 से ज्यादा घायल

शिवगंगा जिले में दो निजी बसों की आमने-सामने टक्कर से 12 लोगों की मौत और 40 से अधिक घायल। ओवरस्पीडिंग व लापरवाही की आशंका, पुलिस जांच जारी।

Updated On 2025-11-30 20:19:00 IST

तमिलनाडु बस हादसा: दो बसों की भीषण टक्कर में 12 की मौत, कई गंभीर

तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में रविवार शाम कुंगमगुड़ी के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ जिसने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। संकरी सड़क पर दो निजी बसें तेज रफ्तार में आमने-सामने टकरा गईं। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों बसों के अगले हिस्से चकनाचूर हो गए और कई यात्री मलबे में फंस गए। मौके पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय ग्रामीण तत्काल मदद के लिए दौड़े और पुलिस के साथ मिलकर घायलों को बाहर निकालने में जुट गए। राहत कार्य देर रात तक चलता रहा।

इस हादसे में 12 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत शिवगंगा और कराईकुडी के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों के अनुसार कुछ मरीजों को विशेष उपचार और सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है। अस्पतालों में अफरा-तफरी का माहौल रहा, परिजन आंखों में आंसू लिए अपने अपनों की सलामती की दुआ करते दिखे।

प्रारंभिक जांच में पुलिस को ओवरस्पीडिंग और ड्राइवर की लापरवाही जैसे संकेत मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि ड्राइवर थका हुआ था, या सड़क की संकरी बनावट और कम रोशनी ने हादसे को और भयावह बना दिया।

जांच टीम ने दोनों बसों के ड्राइवरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं वाहन फिटनेस या समय सीमा से अधिक लगातार ड्राइविंग इसका कारण तो नहीं है।

यह हादसा तमिलनाडु में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं की चिंताजनक स्थिति को फिर से सामने लाता है। 2023 में जहां राज्य में 67,000 से अधिक सड़क हादसे दर्ज किए गए थे, वहीं 2025 में इनकी संख्या में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन घातक दुर्घटनाओं का खतरा अभी भी कम नहीं हुआ है।

आम लोगों में नाराजगी है और मांग उठ रही है कि सरकारी व निजी बसों की सुरक्षित संचालन पर कड़ी निगरानी रखी जाए। ड्राइवरों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य किए जाएं, वाहनों की समय-समय पर जांच हो और खराब सड़कों की तत्काल मरम्मत की जाए।

इस दुर्घटना ने कई परिवारों को गहरे शोक में डाल दिया है। प्रशासन ने जांच तेज करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, जबकि स्थानीय लोग सड़क सुरक्षा सुधारों की त्वरित जरूरत को मजबूती से उठा रहे हैं। दुख और आक्रोश के बीच सभी की यही मांग है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं ताकि किसी और परिवार को इस तरह की त्रासदी का सामना न करना पड़े।

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