One Rank, One Pension: हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को मिलेगी समान पेंशन, SC का ऐतिहासिक फैसला; जाने कितना होगा फायदा?

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (19 मई) को हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की पेंशन पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सीजेआई जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने हाई कोर्ट से रिटायर्ड जजों के लिए वन रैंक, वन पेंशन का आदेश दिया है।

Updated On 2025-05-19 18:21:00 IST

हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को मिलेगी वन रैंक, वन पेंशन

Retired Judges One Rank, One Pension: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (19 मई) को हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की पेंशन पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सीजेआई जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने हाई कोर्ट से रिटायर्ड जजों के लिए वन रैंक, वन पेंशन का आदेश दिया है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि जजों की प्रारंभिक नियुक्ति का स्रोत कुछ भी हो। हाईकोर्ट में जज बनने से पहले वह जिला जज रहे हों या फिर अधिवक्ता प्रति वर्ष न्यूनतम 13.65 लाख रुपए पेंशन दिया जाना चाहिए।

हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों को पेंशन कितनी? 
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा, एडिशनल जजों के परिवार के सदस्यों को भी वह सभी लाभ मिलेंगे, जो हाईकोर्ट जजों के परिवारों को मिलते हैं। हाई कोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस को सरकार अब 15 लाख प्रति वर्ष पेंशन देगी। जबकि, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज और एडिशनल जजों को 13.6 लाख प्रति वर्ष मिलेंगे। 

पारिवारिक पेंशन और विधवा लाभ भी समान 
सीजेआई जस्टिस गवई ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट किया है कि पारिवारिक पेंशन और विधवा लाभ न्यायाधीशों के परिवार और एडिशनल जजों के परिवारों को समान रूप से दिया जाएगा। इसके लिए भी उनकी नियुक्ति स्रोत मायने नहीं रखता।  

सभी हाईकोर्ट में वन रैंक, वन पेंशन का पालन 
चीफ जस्टिस की बेंच ने फैसले में स्पष्ट कहा है कि केंद्र सरकार अब सभी न्यायाधीशों के लिए वन रैंक, वन पेंशन के सिद्धांत का पालन करेगी। चाहे वे देश की किसी उच्च न्यायालय में सेवारत हों।

जस्टिस बीआर गवई 52वें मुख्य न्यायाधीश
जस्टिस बीआर गवई भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश बने हैं। वह देश के दूसरे दलित और पहले बौद्ध मुख्य न्यायाधीश हैं। सीजेआई बनने के बाद उनका यह बेहद महत्वपूर्ण फैसला है। जस्टिस केजी बालाकृष्णन 2007 में देश के पहले दलित चीफ जस्टिस बने थे।

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