संसद शीतकालीन सत्र का पहला दिन: SIR और वोट चोरी के आरोपों पर विपक्ष का जोरदार हंगामा, राज्यसभा में धनखड़ के जिक्र पर घमासान

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन SIR और वोट चोरी के आरोपों पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। मोदी-खड़गे-नड्डा के तंजों के बीच कार्यवाही ठप रही।

Updated On 2025-12-01 15:39:00 IST

संसद शीतकालीन सत्र से पहले PM मोदी का संबोधन

नई दिल्ली, 1 दिसंबर। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरुआत के साथ ही हंगामेदार हो गया। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में विपक्ष ने SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) और कथित वोट चोरी के आरोपों को लेकर जोरदार विरोध किया, जिसके चलते कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही।

शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा की 15-15 बैठकें होंगी। विपक्ष संविधान लागू होने की 75वीं वर्षगांठ (SIR), आंतरिक सुरक्षा और श्रम संहिता (लेबर कोड) पर चर्चा चाहता है, जबकि सरकार ‘वंदे मातरम्’ के इतिहास और महत्व पर चर्चा कराना चाहती है।

सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में मीडिया से बात की। करीब 10 मिनट की बातचीत में उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में हार की निराशा से बाहर निकलकर उन्हें सदन में जनहित के मुद्दे उठाने चाहिए। पीएम मोदी ने व्यंग्य करते हुए कहा कि “अगर विपक्ष चाहे, तो मैं उन्हें परफॉर्मेंस के टिप्स देने को भी तैयार हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि संसद बहस और नीतियों की जगह है, न कि ड्रामा और नारेबाजी की। यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए।"

इसके बाद राज्यसभा में नए सभापति सी.पी. राधाकृष्णन का स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनका अभिनंदन किया। हालांकि खड़गे ने पूर्व सभापति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर सवाल उठाते हुए कहा कि सदन उन्हें औपचारिक विदाई भी नहीं दे सका। इस पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष को मिली हार की “तकलीफ डॉक्टर को बतानी चाहिए।”

पूरे दिन सदन में आरोप-प्रत्यारोप, शोर-शराबा और नोक-झोंक का दौर चलता रहा। परिणामस्वरूप पहले दिन किसी भी विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकी और कार्यवाही बिना कामकाज के 2 दिसंबर की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सत्र के आगामी दिनों में माहौल शांत होगा या टकराव बढ़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

Live Updates
2025-12-01 15:39 IST

Parliament winter session 2025 live updates:

SIR पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच आज लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। अब सदन की अगली बैठक 2 दिसंबर को सुबह 11 बजे होगी।


2025-12-01 14:13 IST

Parliament winter session 2025 live updates: कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘ड्रामा’ वाली टिप्पणी का कड़ा जवाब देते हुए कहा-“प्रधानमंत्री जी, कोई भी बयान देने से पहले थोड़ा सोच तो लीजिए कि आपकी अपनी पार्टी क्या कर रही है। आप सदन में नारे लगाने को ड्रामा बता रहे हैं, लेकिन इसकी शुरुआत सबसे पहले आपकी पार्टी ने ही की थी, जब भाजपा सांसद ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाते हुए सदन में प्रवेश करने लगे।

पंडित जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी या उस दौर के किसी भी प्रधानमंत्री के समय क्या आपने कभी ऐसा देखा था कि उनके समर्थक उनके नाम के नारे लगाते हुए संसद में घुसते हों? ऐसा कभी नहीं हुआ।

विपक्ष का धर्म है कि वह सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और आलोचना करे। लेकिन आज सरकार खुद नारे लगा रही है और फिर विपक्ष को नारे न लगाने की नसीहत दे रही है। यह दोहरा मापदंड क्यों?”


2025-12-01 14:09 IST

Parliament winter session 2025 live updates: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने संसद के शीतकालीन सत्र में लगातार हो रहे हंगामे पर चिंता जताते हुए कहा- “सदन चल ही नहीं रहा है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि संसद को हर हाल में चलना चाहिए।

संसद इसलिए बनाई गई है ताकि जनता की आवाज वहां गूंज सके। किसान बैठा इंतजार करता है कि उसकी फसल के दाम, कर्ज माफी या न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चर्चा होगी। मजदूर को उम्मीद रहती है कि उसकी मजदूरी, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की बात उठेगी। गरीब व्यक्ति को लगता है कि महंगाई, बेरोजगारी या उसकी सब्सिडी पर कोई बोलेगा। लेकिन जब सदन चलता ही नहीं, तो लोगों का भरोसा टूटता है।

सबसे बड़ी बात यह है कि जब विपक्ष वॉकआउट कर के चला जाता है, तो वह अनजाने में सरकार की मदद ही करता है, उसका विरोध नहीं। क्योंकि जैसे ही विपक्ष बाहर चला जाता है, सदन में बिल के खिलाफ बोलने वाला कोई नहीं बचता और बिल बिना बहस के आसानी से पास हो जाते हैं। इस तरह वॉकआउट करने से सरकार को खुला मैदान मिल जाता है।”


2025-12-01 14:04 IST

Parliament winter session 2025 live updates:

सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा- यूपी-बंगाल में जल्दबाजी क्यों? 40% लोग अभी भी रह गए हैं। BLO पर प्रेशर बढ़ रहा है। 


2025-12-01 13:57 IST

Parliament winter session 2025 live updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए, जिनका मकसद जीएसटी क्षतिपूर्ति सेस (Compensation Cess) खत्म होने के बाद भी सिगरेट, तंबाकू और पान मसाला जैसे हानिकारक उत्पादों पर ऊंची कर दरें बनाए रखना है।

पहला बिल: केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025

इस विधेयक के जरिए केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944 में संशोधन किया जाएगा। इसका उद्देश्य क्षतिपूर्ति सेस खत्म होने के बाद भी सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty) के माध्यम से राजस्व जुटाना जारी रखना है।मुख्य प्रस्ताव:सिगार/चुरूट/सिगरेट पर प्रति 1,000 स्टिक ₹5,000 से ₹11,000 तक उत्पाद शुल्क

कच्चे तंबाकू पर 60–70% ऐड-वेलोरम दर

निकोटीन युक्त उत्पादों और सूंघने वाले तंबाकू पर 100% उत्पाद शुल्क

दूसरा बिल: स्वास्थ्य सुरक्षा एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सेस विधेयक, 2025

इस नए विधेयक में उन उत्पादों पर विशेष सेस लगाने का प्रावधान है जिन्हें सार्वजनिक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है। फिलहाल पान मसाला इस सेस के दायरे में मुख्य रूप से आएगा।

क्षतिपूर्ति सेस खत्म होने के बाद कर बोझ कैसे रहेगा?

वर्तमान में इन उत्पादों पर 28% जीएसटी + क्षतिपूर्ति सेस लगता है। सेस खत्म होने के बाद भी कुल कर बोझ लगभग वैसा ही रहेगा।

सिगरेट और तंबाकू उत्पाद: 28% GST + उच्च दर उत्पाद शुल्क (कुल मिलाकर करीब 40% या उससे अधिक प्रभावी दर)

पान मसाला: 28% GST + नया स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सेस (कुल कर बोझ लगभग 40% या उससे ज्यादा)

सरकार का तर्क है कि इन हानिकारक उत्पादों की खपत को हतोत्साहित करने और राजस्व संग्रह दोनों ही जरूरी हैं। दोनों विधेयक अब सदन में चर्चा और पारित होने की प्रक्रिया से गुजरेंगे।

2025-12-01 12:28 IST

Parliament winter session 2025 live updates:

SIR को वापस लेने की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।


2025-12-01 12:03 IST

Parliament winter session 2025 live updates:

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आप (सी. पी. राधाकृष्णन) कोयंबटूर में लालकृष्ण आडवाणी की पदयात्रा से ठीक पहले हुए बम विस्फोट में बाल-बाल बचे थे, जिसमें 60-70 लोगों की जान चली गई थी। यह ईश्वर की कृपा है और आपने इसका उपयोग जनता की सेवा में किया है। उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद जब आप काशी गए थे, तो आपने मांसाहार त्यागने का संकल्प लिया था। इससे मेरा यह मतलब नहीं है कि जो लोग मांसाहार करते हैं, वे अच्छे नहीं होते।'


2025-12-01 12:01 IST

Parliament winter session 2025 live updates:

राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मैं आज अपनी ओर से और सभी विपक्षी सदस्यों की ओर से आपको राज्यसभा के सभापति का पदभार ग्रहण करने पर हार्दिक बधाई देता हूं।' मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मैं सर्वपल्ली राधाकृष्णन के निम्नलिखित कथनों को उद्धृत करना उचित समझता हूं। 16 मई 1952 को उन्होंने कहा था, 'मैं किसी पार्टी से नहीं हूं।' मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि कई लोगों ने दावा किया कि आप उनकी पार्टी से हैं।' उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई लोकतंत्र विपक्षी समूहों को सरकार की नीतियों की निष्पक्ष, स्वतंत्र और स्पष्ट आलोचना करने की अनुमति नहीं देता है, तो वह तानाशाही में बदल सकता है। यह सर्वपल्ली राधाकृष्णन का भाषण है।


2025-12-01 11:35 IST

Parliament winter session 2025 live updates: राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- “मैं इस सदन के सभी माननीय सदस्यों को विश्वास दिलाता हूं कि हम सब मिलकर उच्च सदन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए आपकी गरिमा का भी पूरा खयाल रखेंगे। मैं आपको पूर्ण विश्वास दिलाता हूं कि हम सभी मर्यादा का पालन करेंगे।

हमारे सभापति महोदय एक साधारण परिवार से, एक किसान परिवार से निकले हैं। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज सेवा को समर्पित कर दिया है।

राजनीति उनके जीवन का केवल एक हिस्सा रही है, लेकिन उनकी मुख्य धारा हमेशा समाज सेवा ही रही है। वे समाज के प्रति पूर्णतः समर्पित रहे हैं। जो लोग भी समाज सेवा के पथ पर चलना चाहते हैं, उनके लिए सभापति जी एक जीवंत प्रेरणा और मार्गदर्शक हैं।”


2025-12-01 11:30 IST

Parliament winter session 2025 live updates: लोकसभा में आज प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने ज़ोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। कई मुद्दों को लेकर नारेबाजी करते हुए विपक्षी सदस्य तख्तियां लेकर वेल में उतर आए, जिससे सदन में भारी शोर-शराबा हो गया।

स्पीकर ओम बिरला ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह तख्तियां लहराकर और वेल में आकर सदन की कार्यवाही बाधित करना उचित नहीं है। उन्होंने सदस्यों से अपील की कि वे अपनी सीटों पर लौटें और सदन को सुचारु रूप से चलने दें।

स्पीकर ने कहा, “पूरी दुनिया को यह संदेश जाना चाहिए कि भारत का संसद जीवंत है और सभी सदस्य सक्रिय रूप से इसमें भाग लेते हैं।”हालांकि विपक्षी सदस्यों पर स्पीकर की अपील का कोई असर नहीं हुआ और हंगामा लगातार जारी रहा। अंततः स्पीकर को मजबूरन सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।

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