ऑपरेशन सिंदूर: कोलंबिया में शशि थरूर बोले-'हमला करने और बचाने वाले के बीच समानता नहीं हो सकती'
59 सांसदों का 7 डेलिगेशन अलग-अलग देशों में पाकिस्तान में पल रहे आतंक की पोल खोल रहा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कोलंबिया में कहा-'हमला करने और खुद को बचाने वाले के बीच समानता नहीं'।
Shashi Tharoor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'टीम इंडिया' विदेश दौरे पर है। 59 सांसदों का 7 डेलिगेशन अलग-अलग देशों में पाकिस्तान में पल रहे आतंक की पोल खोल रहा है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई वाला शिष्टमंडल गुयाना से पनामा के बाद कोलंबिया के बोगोटा पहुंचा। थरूर ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया की आलोचना की। थरूर ने कहा-कोलंबियाई सरकार ने भारत में आतंकी हमलों के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति जताने के बजाय भारतीय हमलों के बाद पाकिस्तान में हुई जानमाल की हानि पर दुख जताया। हम इससे थोड़े निराश हैं।थरूर ने फिर कहा-आतंकवाद फैलाने वाले और इसका विरोध करने वाले के बीच कोई समानता नहीं हो सकती। इसी तरह से हमला करने वाले और अपनी सुरक्षा करने वालों को एक तराजू में नहीं तौला जा सकता।
हमला करने और रक्षा करने वाले की कोई तुलना नहीं
थरूर ने कहा-हम कोलंबिया में अपने मित्रों से कहेंगे कि आतंकवादियों को भेजने वालों और उनका विरोध करने वालों के बीच कोई समानता नहीं हो सकती। हमला करने वालों और बचाव करने वालों के बीच कोई समानता नहीं हो सकती। हम केवल आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। यदि इस मुद्दे पर कोई गलतफहमी है तो हम ऐसी किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए यहां हैं। हम परिस्थितियों के बारे में कोलंबिया से विस्तार से बात करके बहुत खुश हैं... जैसे कोलंबिया ने कई आतंकवादी हमलों को झेला है, वैसे ही हमने भारत में भी झेला है। हमने लगभग चार दशकों तक बहुत बड़ी संख्या में हमलों को झेला है।
हमें युद्ध में कोई दिलचस्पी नहीं
शशि थरूर ने कहा-हमें संयुक्त राज्य अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य देशों, फ्रांस, यूएई, सऊदी अरब आदि के वरिष्ठ अधिकारियों से कई फोन कॉल आए। हमने इन सभी देशों को जो संदेश दिया, वह बिल्कुल एक जैसा था। हमें युद्ध में कोई दिलचस्पी नहीं है। हम सिर्फ़ एक आतंकवादी हमले का बदला ले रहे थे। अगर वे रुकते हैं, तो हम रुकेंगे। अगर यह संदेश ऐसे देशों द्वारा पाकिस्तान को दिया जाता तो पाकिस्तान को रोकने के लिए राजी करने में इसका असर हो सकता था, क्योंकि उन्हें पता था कि उनके रुकने का मतलब यह होगा कि भारत भी रुक जाएगा।
आतंकवादी कार्रवाइयों ने सद्भावना को धोखा दिया
शशि थरूर ने कहा- सिंधु जल संधि वह संधि थी जिसे भारत ने 1960 के दशक में सद्भावना और सौहार्द से पाकिस्तान को पेश किया था। ये शब्द संधि की प्रस्तावना में है। दुख की बात है कि पिछले चार दशकों में आतंकवादी कार्रवाइयों ने उस सद्भावना को बार-बार धोखा दिया है। भले ही हम पर आतंकवाद और युद्ध थोपे गए हों, लेकिन संधि कायम रही है, लेकिन इस बार हमारी सरकार ने संधि को स्थगित कर दिया है, जिसका मतलब है कि यह प्रभावी रूप से निलंबित है। इसका संचालन तब तक निलंबित रहेगा जब तक हमें पाकिस्तान से संतोषजनक संकेत नहीं मिल जाता कि वे उस सद्भावना की भावना के साथ खुद को संचालित करने के लिए तैयार हैं जिसका प्रावधान संधि की प्रस्तावना में किया गया है।
हमने पाकिस्तान को उदारता से पानी दिया
शशि थरूर ने कहा-हम इस बात के प्रति बहुत सचेत हैं कि संधि के संचालन की बात करें तो हम एक उदार पड़ोसी रहे हैं। हम एक ऊपरी तटवर्ती राज्य में हैं। हमने पाकिस्तान को बहुत उदारता से वह पानी दिया है जिसका वह संधि के तहत हकदार है। हमने संधि के तहत अपने हक वाले सभी पानी का उपयोग भी नहीं किया है। लेकिन समय आ गया है कि हम संधि के संचालन के लिए पाकिस्तान को एक उदार पड़ोसी के रूप में पेश करें। सद्भावना के आधार पर एकतरफा कार्रवाई करना अब हमारे बस में नहीं है।