भाजपा 'ठाकरे' शब्द को चुरा रही: चचेरे भाई राज ठाकरे की अमित शाह से मुलाकात पर उद्धव को लगी मिर्ची, किया बड़ा दावा

Uddhav Thackeray Accuses BJP: उद्धव ठाकरे नांदेड़ जिले में आयोजित एक सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा अच्छी तरह से जानती है कि उन्हें महाराष्ट्र में पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट नहीं मिलते हैं।

Updated On 2024-03-20 09:31:00 IST
Uddhav Thackeray

Uddhav Thackeray Accuses BJP: 'भाजपा को एहसास हो गया है कि महाराष्ट्र में केवल ठाकरे के नाम पर वोट मिलते हैं। इसलिए वे ठाकरे को चुराने की कोशिश कर रहे हैं।' पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह बातें अपने चचेरे भाई भाई राज ठाकरे और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बीच हुई मुलाकात पर कही। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी मनसे प्रमुख राज ठाकरे मंगलवार को दिल्ली में थे। उनकी गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई। 

उद्धव ठाकरे नांदेड़ जिले में आयोजित एक सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा अच्छी तरह से जानती है कि उन्हें महाराष्ट्र में पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट नहीं मिलते हैं। लोग यहां (बाल) ठाकरे के नाम पर वोट करते हैं। इस अहसास ने भाजपा को बाहर से नेताओं को चुराने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया। सबसे पहले उन्होंने बाल ठाकरे की तस्वीर चुराई, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उद्धव ने कहा कि मेरे लोग और मैं ही काफी हैं। 

दिल्ली में राज ठाकरे और अमित शाह की हुई मुलाकात।

अब हमारे साथ ईसाई और मुस्लिम भी
उद्धव ठाकरे विपक्षी महा विकास अघाड़ी और INDI ब्लॉक का हिस्सा हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि ईसाई और मुस्लिम भी उनके हिंदुत्व ब्रांड के साथ सहज हैं। उन्होंने कहा कि जब हम भाजपा के साथ थे तब शिवसेना की छवि खराब हो रही थी। लेकिन जब से हमने उनसे संबंध तोड़ लिया है, ईसाई और मुस्लिम समुदाय के सदस्य भी कह रहे हैं कि उन्हें हमारी हिंदुत्व विचारधारा से कोई दिक्कत नहीं है।

दरअसल ठाकरे की शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद दो गुटों में विभाजित हो गई थी। शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई। एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर अपने पिता बाल ठाकरे की हिंदुत्व विचारधारा से भटकने का आरोप लगाया था। 

2006 में अलग हो गए थे राज ठाकरे
राज ठाकरे 2006 में शिवसेना से अलग हो गए थे। उन्होंने मनसे का गठन किया था। हालांकि उनकी राजनीतिक प्रगति काफी धीमी रही। 2008 के विधानसभा चुनाव में 13 सीटों पर कब्जा जमाया था। लेकिन 2019 में यह पार्टी एक सीट पर सिमट गई।

मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर ने कहा कि भाजपा के साथ हमारी बातचीत सकारात्मक रही। रिपोर्ट्स के अनुसार, मनसे महाराष्ट्र में तीन सीटें चाह रही है। इनमें दक्षिण मुंबई, शिरडी और नासिक शामिल है।

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