सिक्किम में बाईचुंग भूटिया 4,012 वोटों से हारे: 10 साल में छठी बार मिली परास्त, पिछले साल अपनी पार्टी का SDF में किया था विलय
Bhaichung Bhutia Barfung seat Results: बरफंग सीट पर 4 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें एसकेएम से रिकशाल दोरजी भूटिया, एसडीएफ से बाईचुंग भूटिया, सिटिजन एक्शन पार्टी से दादुल लेपचा, भाजपा से ताशी दादुल भूटिया शामिल हैं। रिकशाल को 8 हजार से अधिक वोट मिले हैं।
Bhaichung Bhutia Barfung seat Results: भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया इस बार भी चुनावी राजनीति में जीत का स्वाद चख नहीं पाए। सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के रिकशाल दोरजी भूटिया ने बरफंग सीट पर बाईचुंग भूटिया 4,012 वोटों से हराया।
कुल मिलाकर बाईचुंग भूटिया और उनकी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट पार्टी को विधानसभा चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा यानी SKM ने विधानसभा की 32 सीटों में से 31 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी SDF को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली है। 2024 सिक्किम विधानसभा चुनाव 19 अप्रैल को एक ही चरण में आयोजित किए गए थे।
बफरंग सीट पर थे 4 उम्मीदवार
बरफंग सीट पर 4 उम्मीदवार मैदान में थे। इनमें एसकेएम से रिकशाल दोरजी भूटिया, एसडीएफ से बाईचुंग भूटिया, सिटिजन एक्शन पार्टी से दादुल लेपचा, भाजपा से ताशी दादुल भूटिया शामिल हैं। रिकशाल को 8 हजार से अधिक वोट मिले हैं। जबकि बाइचुंग को महज 4012 वोट हासिल हुए। दादुल को 656 और ताशी को 298 वोट मिले हैं।
2018 में बाईचुंग भूटिया ने बनाई थी पार्टी
बाईचुंग भूटिया ने 2018 में अपनी खुद की हमरो सिक्किम पार्टी बनाई थी, लेकिन पिछले साल उन्होंने इसे एसडीएफ में मिला दिया। वह वर्तमान में एसडीएफ के उपाध्यक्ष हैं, जो हिमालयी राज्य में मुख्य विपक्षी दल है। यह क्षेत्र अपनी सुरम्य झीलों के लिए जाना जाता है।
टीएमसी के टिकट पर लड़ा था लोकसभा चुनाव
पूर्व फुटबॉलर ने तृणमूल उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल से दो बार चुनाव लड़ा था। 2014 का लोकसभा चुनाव दार्जिलिंग से और 2016 का विधानसभा चुनाव सिलीगुड़ी से। लेकिन वह दोनों ही बार हार गए। फिर उन्होंने अपना चुनावी आधार सिक्किम में ट्रांसफर कर दिया और अपनी पार्टी बनाई। उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव गंगटोक और तुमेन-लिंगी से लड़ा, लेकिन अपने दोनों प्रयासों में हार का सामना करना पड़ा। वह गंगटोक से 2019 का उपचुनाव भी हार गए।