Calcutta High Court:अनिल अंबानी की कंपनी ने 780 करोड़ का जीता मुकदमा, जानिए क्या है पूरा मामला?

कोलकाता हाईकोर्ट ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के साथ 780 करोड़ रुपये के मध्यस्थता विवाद में फैसला सुनाया है। इसमें अनिल अंबानी की कंपनी को जीत मिली है।

Updated On 2024-09-29 21:16:00 IST
अनिल अंबानी की कंपनी ने 780 करोड़ का जीता मुकदमा, जानिए क्या है पूरा मामला?

आखिरकार अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 780 करोड़ के मामले में मुकदमा जीत लिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट का फैसला दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के साथ 780 करोड़ रुपये के मध्यस्थता विवाद में आया है। अनिल अंबानी की कंपनी ने शेयर बाजार को यह जानकारी दी। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और डीवीसी के बीच 780 करोड़ रुपये का विवाद था। यह मामला मध्यस्थता के लिए गया था, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट ने मध्यस्थता के फैसले को बरकरार रखा है।

जानकारी के अनुसार एक दशक से पहले रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में 3,750 करोड़ रुपये में 1,200 मेगावाट का ताप विद्युत संयंत्र स्थापित करने का ठेका मिला था। बाद में इसको लेकर कई तरह के विवाद हुए जिनके कारण परियोजना में देरी हुई। इसके कारण डीवीसी ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर से हर्जाना मांगा। हालांकि, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इसे चुनौती दी।

इसके बाद साल 2019 में एक मध्यस्थता न्यायाधिकरण (आर्बिट्रेशन ट्रिब्‍यूनल) ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया। उसने डीवीसी को कंपनी को 896 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। डीवीसी ने मध्यस्थता न्यायाधिकरण के आदेश को कलकत्ता हाईकोर्ट में चुनौती दी। इसे अदालत ने खारिज कर दिया।

र‍िलायंस इंफ्रा ने शेयर बाजार को दी जानकारी
कंपनी ने शेयर बाजार दी सूचना में कहा, 'कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने 27 सितंबर, 2024 को दामोदर घाटी निगम की ओर से धारा 34 के तहत 29 सितंबर, 2023 के मध्यस्थता फैसले को चुनौती देने वाली याचिका में अपना फैसला सुनाया। यह रघुनाथपुर ताप-विद्युत संयंत्र के संबंध में है। इसमें ब्याज सहित लगभग 780 करोड़ रुपये की राशि जुड़ी है।'

कंपनी ने कहा कि अदालत ने आवंटन-पूर्व ब्याज राहत और बैंक गारंटी पर ब्याज में कमी यानी 181 करोड़ रुपये की राशि को छोड़कर मध्यस्थता निर्णय को बरकरार रखा। यह अर्जित ब्याज सहित कुल 780 करोड़ रुपये बनता है। इसके अलावा, 600 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी जारी की जाएगी।
 

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