मणिपुर में उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों पर किया हमला, 4 पुलिस कमांडो और 3 BSF के जवान घायल, नए साल पर थोबल में चार की मौत

Manipur Violence Updates: मणिपुर में उग्रवादियों के हमले में 4 पुलिस कमांडो, 3 सैनिक घायल हो गए। यह घटना मोरेह में हुई। 

Updated On 2024-01-02 13:06:00 IST
Manipur Violence

Manipur Violence Updates: मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में झुलस रहा है। नए साल के पहले दिन थोबल के लिलोंग चिंगजाओ में चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जबकि 11 लोग घायल हुए। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने तीन गाड़ियों को आगे के हवाले कर दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लिलोंग में कुछ लोग जबरन वसूली के लिए आए थे। वे हथियारबंद थे। स्थानीय लोगों से झगड़े के बाद हथियारबंद लोगों ने गोलियां चला दी। गोलीबारी में चार पुलिस कमांडो और तीन बीएसएफ जवान घायल हुए। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। हथियाबंद लोगों की पहचान नहीं हो सकी है। 

हिंसा के बाद 5 जिलों में कर्फ्यू
हिंसा के बाद इलाके में तनाव फैल गया। इसके बाद पांच जिलों-थोबल, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर में प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कल एक वीडियो संदेश में हिंसा की निंदा की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, 'मैं निर्दोष लोगों की हत्या पर अत्यंत दुख व्यक्त करता हूं। हमने अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें लगा दी हैं। मैं हाथ जोड़कर लिलोंग के निवासियों से दोषियों को पकड़ने में सरकार की मदद करने की अपील करता हूं। मैं वादा करता हूं कि सरकार कानून के तहत न्याय देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।'

पिछले हफ्ते भी घायल हुए थे चार कमांडो
पिछले हफ्ते मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में संदिग्ध विद्रोहियों और पुलिस कमांडो के बीच गोलीबारी हुई थी। जिसमें चार जवान घायल हो गए थे। विद्रोहियों ने रॉकेट लॉन्चर से ग्रेनेड फेंके जो मोरेह के तुरेलवांगमा लीकाई में सीडीओ चौकी के अंदर फट गए। वहीं पर कमांडो थे। 

मणिपुर हिंसा फैक्ट

  • आठ महीने (245 दिन) से मणिपुर में हिंसा जारी है। 
  • अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। 
  • 65 हजार से ज्यादा लोग बेघर हुए।  

क्यों भड़की थी हिंसा?
मणिपुर की आबादी 38 लाख है। सबसे ज्यदा मैतेई समुदाय के लोग हैं। पिछले साल मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग पर विचार करने के लिए कहा था। इसके विरोध में 2 मई 2023 को ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ने एक रैली निकाली। इसी दौरान हिंसा भड़क गई। नगा और कुकी जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के खिलाफ हैं। 

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