Gyanvapi Mosque: ज्ञानवापी में पूजा रुकवाने SC पहुंची मस्जिद कमेटी, CJI का आदेश-अपनी-अपनी जगह पर जारी रहेगी पूजा और नमाज

Gyanvapi Mosque Case Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ज्ञानवापी मामले में मस्जिद कमिटी की याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने इस में मस्जिद पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद कहा कि ज्ञानवापी में अपनी-अपनी जगह पर पूजा और नमाज जारी रहेगा। 

Updated On 2024-04-01 15:13:00 IST
Gyanvapi Mosque Case Hearing

Gyanvapi Mosque Case Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ज्ञानवापी मामले में मस्जिद कमिटी की याचिका पर सुनवाई की। कमेटी ने व्यासजी के तहखाने में हिंदू पक्ष को मिली पूजा करने की इजाजत पर रोक लगाने की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) ने इस में मस्जिद पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद पूजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सीजेआई ने कहा कि ज्ञानवापी में अपनी-अपनी जगह पर पूजा और नमाज जारी रहेगा।

मुस्लिम पक्ष ने की पूजा रुकवाने की मांग 
मस्जिद पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने सुप्रीम कोर्ट से बताया कि निचली अदालत ने ज्ञानवापी में पूजा करने की तैयारियां करने के लिए 1 हफ्ते तक का समय दिया था। हालांकि, सरकार ने इसे तुरंत लागू करवा दिया। मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट ने भी राहत नहीं दी। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और परिसर में हो रही पूजा पर तुरंत रोक लगानी चाहिए।

फिलहाल यथास्थिति बनाए रखा जाना चाहिए
इस पर चीफ जस्टिस डीवाई ने कहा कि तहखाने में दक्षिण की ओर से प्रवेश किया जाता है वहीं मस्जिद में उत्तर की ओर से प्रवेश किया जाता है। दोनों से एक-दूसरे पर कोई असर नहीं होता। ऐसे में कोर्ट यह निर्देश देता है कि पूजा और नमाज दोनों अपनी-अपनी जगहों पर जारी रहे। सीजेआई ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए किसी दूसरी तारीख पर सुनवाई देने की भी बात कही। सीजेआई ने कहा कि इस मामले में फिलहाल यथास्थिति बनाए रखा जाना चाहिए। 

मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट के आदेश को दी थी चुनौती
इस मामले में कोर्ट की ओर से जारी किए गए औपचारिक नोटिस का व्यास परिवार के वकील श्याम दीवान ने विरोध किया। वकील श्याम दीवान ने कहा कि ज्ञानवापी मामले की सुनवाई अभी भी निचली अदालत में जारी है। ऐसे में अभी सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल देने की जरूरत नहीं है। बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में व्यासजी खाने में हिंदुओं को पूजा की इजाजत देने से जुड़े निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था।

वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से मिली पूजा की इजाजत
दरअसल, ज्ञानवापी मामले में वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 31 जनवरी को हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद के व्यासजी तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी थी। इसके बाद इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने तहखाने में पूजा रोकने से जुड़े यूपी सरकार के आदेश को अवैध करार दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि पूजा पाठ को रोकने के लिए कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया था।

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