Acharya Satyendra Das Death: अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को सरयू घाट पर दी गई जल समाधि

अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर पालकी से लता मंगेशकर चौक होते हुए सरयू घाट तक लाया गया। जिसके बाद संत तुलसीदास घाट पर जल समाधि दी गई।

Updated On 2025-02-13 15:26:00 IST
Acharya Satyendra Das Death

Acharya Satyendra Das Death: उत्तर प्रदेश के अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का बुधवार (12 फरवरी) को निधन हुआ। 80 साल के सत्येंद्र दास ने लखनऊ PGI में आखिरी सांस ली। गुरुवार (13 फरवरी) को आचार्य सत्येंद्र दास का पार्थिव शरीर पालकी से लता मंगेशकर चौक होते हुए सरयू घाट तक लाया गया। जिसके बाद संत तुलसीदास घाट पर जल समाधि दी गई।

 

अंतिम दर्शन करने पहुंचे भक्त
बता दें कि आचार्य का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया गया था। अंतिम दर्शन के लिए लोग आ रहे हैं, श्रद्धा सुमन अर्पित कर रहे हैं। गुरुवार सुबह राज्यमंत्री सतीश शर्मा और अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद नेआचार्य को श्रद्धांजलि दी। सदर विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और अन्य भाजपा नेता, संत समाज के लोग भी पुष्पांजलि करने पहुंचे।

1945 में हुआ था जन्म
सत्येंद्र दास का जन्म संतकबीरनगर जिले में 20 मई 1945 में हुआ था। सत्येंद्र दास बचपन से ही भक्ति भाव में रहते थे। सत्येंद्र दास ने 1958 में घर छोड़ दिया। सत्येंद्र दास ने जब अपने पिता को संन्यास लेने का फैसला सुनाया तो उनके पिता ने भी कोई आश्चर्य जाहिर नहीं किया। साथ ही उन्होंने आशीर्वाद दिया। कहा कि मेरा एक बेटा घर संभालेगा और दूसरा रामलला की सेवा करेगा।

1958 में आए थे अयोध्या
1958 में अयोध्या आए। यहीं पढ़ाई की। 1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री ली। 1976 में संस्कृत डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट टीचर की नौकरी मिली। 1 मार्च 1992 को राम मंदिर के मुख्य पुजारी के तौर पर नियुक्त हुए थे। तब उन्हें वेतन के रुपए में हर महीने 100 रुपए मिलते थे। 2019 में अयोध्या के कमिश्नर के निर्देश के बाद उनका वेतन 13 हजार कर दिया था। 

इसे भी पढ़ें:  अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी का निधन: आचार्य सत्येंद्र दास ने लखनऊ PGI में ली आखिरी सांस; 33 साल की रामलला की सेवा

ऐसे बने थे राम मंदिर के मुख्य पुजारी 
1992 में राम मंदिर के पुजारी लालदास थे। उस समय रिसीवर की जिम्मेदारी रिटायर जज पर हुआ करती थी। उस समय जज जेपी सिंह बतौर रिसीवर नियुक्त हुए थे। फरवरी 1992 में जेपी सिंह का निधन हो गया तो राम जन्मभूमि की व्यवस्था का जिम्मा जिला प्रशासन को दिया गया। तब पुजारी लालदास को हटाने की बात हुई। 1 मार्च 1992 को सत्येंद्र दास की नियुक्ति हो गई। 

Similar News