दूरदर्शन के LIVE शो में केरल लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड के डायरेक्टर की मौत, एंकर ने सवाल पूछा, चर्चा के दौरान अचानक हुए थे बेहोश

Agriculture expert collapses on live tv in Kerala: डॉ. अनी एस दास केरल लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड (KLDB) के डायरेक्टर थे। इसके अलावा केरल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के मन्नुथी कम्युनिकेशन सेंटर में प्रोफेसर थे।

Updated On 2024-01-13 08:02:00 IST
Dr. Ani S Das (File Photo)

Agriculture expert collapses on live tv in Kerala: दूरदर्शन पर एक लाइव शो के दौरान एक कृषि विशेषज्ञ की मौत हो गई। यह घटना 12 जनवरी को केरल में हुई। कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर अनी एस दास (59 साल) लाइव शो में अपनी बात रख रहे थे। तभी वे अचानक बेहोश हुए। तत्काल लाइव शो का प्रसारण बंद करते हुए उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 

अचानक कुर्सी पर पीछे की तरफ झुक गए डॉ. दास
केरल दूरदर्शन पर शाम के वक्त किसान भाइयों को खेती की जानकारी देने के लिए कृषि दर्शन कार्यक्रम का प्रसारण होता है। राज्य सरकार के पशुपालन विभाग में विभिन्न परियोजनाओं का नेतृत्व करने वाले डॉ. अनी एस दास शुक्रवार शाम करीब साढ़े छह बजे दूरदर्शन के कृषि दर्शन प्रोग्राम में भाग लेने आए थे। शो के एंकर ने उनसे सवाल पूछा। जवाब देने के दौरान डॉ अनी अचानक चुप हो गए और कुर्सी पर पीछे की तरफ झुक गए। इसके बाद एंकर ने तुरंत ब्रॉडकास्ट बंद करने को कहा।

चैनल के कर्मचारियों की मदद से एक्सपर्ट को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अभी तक उनकी मौत की वजह पता नहीं चली है। इस बारे में भी जानकारी नहीं है कि क्या वे किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। हालांकि हार्ट अटैक से मौत की आशंका जताई जा रही है। 

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अक्सर दूरदर्शन के कार्यक्रमों में दिखते थे
डॉ. अनी एस दास केरल लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड (KLDB) के डायरेक्टर थे। इसके अलावा केरल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के मन्नुथी कम्युनिकेशन सेंटर में प्रोफेसर थे। वे अक्सर दूरदर्शन पर एग्रीकल्चर से जुड़े कार्यक्रमों में एक्सपर्ट के तौर पर शामिल होते थे।

मिले थे कई पुरस्कार
आईएनएससी इंटरनेशनल पब्लिशर्स के अनुसार, डॉ. दास एक सफल मैनेजमेंट गुरु और पशुचिकित्सक थे। उन्हें भारत के मीट उत्पादों के कामकाज में उल्लेखनीय बदलाव लाने और केएलडीबी के उच्च तकनीक पशुधन फार्म स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। उन्हें 2012 में इंदिरा प्रियदर्शनी पुरस्कार और 2009 में राजीव गांधी शिरोमणि पुरस्कार से नवाजा गया था। डॉ. दास कोल्लम जिले के कडक्कल के रहने वाले थे। 

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