जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ में बादल फटने से बड़ी तबाही, 60 लोगों की मौत, 100 घायल, पीएम मोदी ने सीएम से की बात
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने से चशोती इलाके में भारी तबाही, मचैल माता यात्रा का लंगर बहा। कई हताहतों की आशंका, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ राहत कार्य में जुटी।
Kishtwar flood
Kishtwar flood Jammu Kashmir: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले में गुरुवार, 14 अगस्त 2025 को बादल फटने के बाद बाढ़ ने भीषण तबाही मचाई। चशोती इलाके में इस प्राकृतिक आपदा के कारण लंगर (सामुदायिक रसोईघर) बह गया। इस घटना में कई लोगों की मौत की खबर है और यह आंकड़ा बढ़ते ही जा रहा है। अबतक मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना में 60 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से ज्यादा घायल हैं। हालांकि, अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया, चशोती क्षेत्र में जिस जगह यह घटना हुई है। वह मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है। बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिया गया है। टीमें मौके पर पहुंच रही हैं।
पीएम मोदी ने हादसे पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बादल फटने से हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोस्ट में कहा, "जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ। स्थिति पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। बचाव और राहत अभियान जारी है। ज़रूरतमंदों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।"
पीएम मोदी ने दूसरे पोस्ट में लिखा, ''किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ के बाद की स्थिति पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की। अधिकारी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।''
हेल्प डेस्क नंबर जारी
मौसम विभाग की चेतावनी
श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) ने जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। बताया कि अगले 4-6 घंटों के दौरान गरज-चमक और तेज़ हवाओं के साथ जोरदार बरसात होगी। अधिकारियों ने यात्रियों और स्थानीय निवासियों को अलर्ट रहने को कहा है।
केंद्रीय मंत्री ने दिए दिशा निर्देश
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष सुनील कुमार शर्मा से बात कर जानकारी ली है। उन्होंने किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा से भी बात की है। बताया कि चशोती में बड़े पैमाने पर हताहतों की आशंका है। नुकसान आकलन और राहत कार्य तेज़ी से जारी है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की तैनाती
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) कार्यालय ने घटना पर दुख जताया है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूँ। सिविल प्रशासन, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को बचाव कार्य मज़बूत करने के आदेश दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों में दहशत
अचानक आई बाढ़ और लंगर बह जाने की खबर से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में दहशत है। कई लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी खोज के लिए रेस्क्यू टीम लगातार प्रयास कर रही है।
मचैल माता तीर्थयात्रा क्या है?
मचैल माता तीर्थयात्रा में हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। जम्मू से किश्तवाड़ तक इसका 210 किमी लंबा रूट है। पद्दर से चशोटी तक 19.5 किमी की सड़क पर गाड़ियां जा सकती हैं। उसके बाद श्रद्धालु मचैल तक 8.5 किमी पैदल यात्रा करते हैं। इस घटना से यात्रा पर असर पड़ सकता है, क्योंकि मार्ग पर मलबा और पानी भर गया है। यात्रियों को फिलहाल सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है।