जनगणना 2026 की तैयारी शुरू: 1 अप्रैल से होगी मकानों की गिनती, जानें क्या क्या पूछी जाएगी जानकारी

भारत में 2026 की जनगणना 1 अप्रैल से शुरू होगी। पहले चरण में मकानों की सूची तैयार की जाएगी। जानिए जनगणना की प्रक्रिया, तारीखें और प्रशासन की तैयारी।

Updated On 2025-06-29 15:52:00 IST

House Listing Census

Census of India House Listing : देश की सबसे बड़ी सांख्यिकी कवायद यानी जनगणना 2026 की शुरुआत की तारीख घोषित कर दी गई है। भारत के महापंजीयक मृत्युंजय कुमार नारायण ने बताया कि जनगणना का पहला चरण 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा। इस चरण में देशभर में मकानों की सूची तैयार की जाएगी, जिसे हाउस लिस्टिंग और हाउस सेंसस कहा जाता है।

राज्यों को भेजा गया निर्देश
महापंजीयक ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है। पत्र में कहा गया है कि हाउस लिस्टिंग कार्य एक दशकीय जनगणना प्रक्रिया का अहम चरण है, जो हर दस साल में एक बार होती है। कोविड-19 महामारी की वजह से 2021 की जनगणना टल गई थी, अब यह प्रक्रिया 2026 में पूरी की जाएगी।

कौन करेगा मकानों की गिनती?
हाउस लिस्टिंग से पहले गणनाकारों और पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम का बंटवारा किया जाएगा। हर गणनाकार को एक निश्चित क्षेत्र दिया जाएगा। इसमें वह घर-घर जाकर जानकारी इकट्ठा करेगा।

मकान सूची में क्या-क्या दर्ज होगा?
हाउस लिस्टिंग के दौरान प्रत्येक घर के बारे में विस्तृत जानकारी दर्ज की जाएगी। इस दौरान जनगणना फार्म में दर्ज किया जाएगा कि घर कच्चा है या पक्का। उसमें पानी और बिजली की सुविधा है या नहीं। शौचालय की उपलब्धता, रसोई गैस या लकड़ी की उपलब्धता और घर में रहने वाले सदस्यों की संख्या भी रिकॉर्ड की जाएगी। 

जनगणना के दूसरे चरण की तैयारी
मकानों की सूची पूरी होने के बाद जनसंख्या की गिनती का दूसरा चरण शुरू होगा। इसकी तारीखों की घोषणा बाद में की जाएगी। इस चरण में प्रत्येक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति की जानकारी ली जाएगी। मोदी सरकार ने आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया है। 

जनगणना न केवल देश की जनसंख्या का अनुमान लगाने का जरिया है, बल्कि यह नीति निर्माण, योजना, बजट आवंटन और संसाधनों के वितरण में अहम भूमिका निभाती है। 2026 की जनगणना आधुनिक तकनीकों से लैस होगी और डिजिटल फॉर्मेट में डेटा संग्रह पहली बार इतने बड़े स्तर पर किया जाएगा। 

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