शहर, जहर और ISIS की साजिश: गुजरात ATS ने देश को बड़ी तबाही से बचाया, 6 माह से बना रहे थे घातक योजना

गुजरात ATS ने ISIS की बड़ी साजिश का खुलासा किया। आतंकी 3 शहरों में जहर से हमला करने की योजना बना रहे थे। 6 महीने से तैयारी, गिरफ्तारी से बड़ा आतंकी हमला टला।

By :  Desk
Updated On 2025-11-10 12:43:00 IST

गुजरात से गिरफ्तार ISIS आतंकी डॉक्टर बना रहा था 'राइजिन' जहर। तीन शहरों में तबाही मचाने की साजिश थी। 

(एपी सिंह): गुजरात एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने सोमवार को दिल दहला देने वाला खुलासा किया है। अहमदाबाद से गिरफ्तार किए गए तीन आईएसआईएस आतंकियों (ISIS terrorists) में शामिल एक डॉक्टर ‘राइजिन’ नाम का घातक जहर तैयार कर रहा था। अधिकारियों ने बताया कि डॉ अहमद मोहियुद्दीन सैयद, (उम्र 35 वर्ष) हैदराबाद का रहने वाला है और पिछले छह माह से इस खतरनाक योजना पर काम कर रहा था। उसकी योजना जहर से बड़े पैमाने पर लोगों की जान लेने की थी।

जांच में सामने आया कि आरोपी डॉक्टर ने दिल्ली की आजादपुर मंडी, अहमदाबाद के नारोदा फल बाजार और लखनऊ स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यालय का सर्वे किया था। इन स्थानों को उसने इसलिए चुना, क्योंकि वहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग एकत्र होते हैं, यहां हमला करने से भारी जनहानि हो सकती थी।

एटीएस ने बताया कि अहमद मोहियुद्दीन आईएसआईएस के सीधे संपर्क में था और राइसिन जैसे रासायनिक हथियार का प्रयोग कर बड़े पैमाने पर लोगों की जान लेने की तैयारी कर रहा था। बता दें, राइसिन एक अत्यंत विषैला प्रोटीन है, जो अरंडी (castor) के बीजों से निकाला जाता है। इसकी थोड़ी सी मात्रा भी जानलेवा साबित हो सकती है।

हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार राइसिन जहर आमतौर पर तभी घातक होता है जब इसे खाया जाए या शरीर में प्रवेश कराया जाए। चिकित्सकों के अनुसार प्रभावित व्यक्ति को अगर समय पर इलाज मिल जाए तो इससे बचाव संभव है। लेकिन अगर यह जहर हवा या पानी में फैलाया जाए तो बड़ी तबाही मचा सकता है।

गुजरात एटीएस के अनुसार, डॉक्टर अहमद ने इस जहर को बनाने के लिए जरूरी रासायनिक सामग्री और उपकरण जुटा लिए थे और प्रारंभिक रासायनिक प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। वह इस जहर को रेजिन (Ryzin) नाम से तैयार कर रहा था और इसका उद्देश्य एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम देना था।

एटीएस की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने इंटरनेट के माध्यम से रासायनिक फार्मूले और विधियां जुटाई थीं और लैब स्तर पर प्रयोग भी किए थे। इसकी गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि यदि यह साजिश सफल हो जाती, तो बड़ी तबाही मचना तय था।

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