'भारतीय वीर' की अंतरिक्ष उड़ान: मिशन आकाशगंगा से शुभांशु शुक्ला रचेंगे नया इतिहास

shubhanshu shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला मंगलवार (10 जून) को एक्सिओम स्पेस के एक्सिओम -4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर रवाना होंगे।

Updated On 2025-06-10 08:07:00 IST

shubhanshu shukla: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला मंगलवार (10 जून) को एक्सिओम स्पेस के एक्सिओम -4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर रवाना होंगे। यह मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और निजी कंपनी स्पेसएक्स की साझेदारी में संचालित किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले भारत के पहले नागरिक बनने जा भारतीय वायुसेना के वीर ने कहा-'नमस्ते, मैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हूं'....। मिशन का हिस्सा बनना बेहद सौभाग्यशाली है।

मिशन आकाश गंगा' के तहत ऐतिहासिक उड़ान
इस मिशन को अमेरिका की निजी अंतरिक्ष कंपनी Axiom Space के 'Axiom-4' मिशन के तहत संचालित किया जा रहा है। भारत में इसे 'मिशन आकाश गंगा' नाम दिया है। यह मिशन 10 जून 2025 को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से SpaceX के Crew Dragon सी213 अंतरिक्षयान के जरिए लॉन्च होगा। 28 घंटे की उड़ान के बाद, यह यान 11 जून की रात करीब 10 बजे ISS से डॉक करेगा।

वायुसेना में 15 वर्षों की सेवा और 2,000 घंटे की उड़ान
लखनऊ में जन्मे 39 वर्षीय शुभांशु शुक्ला ने 2006 में भारतीय वायुसेना में कमीशन प्राप्त किया था। अब तक 2,000 से अधिक घंटे की उड़ान भर चुके हैं। सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर और AN-32 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू और परिवहन विमानों को सफलतापूर्वक उड़ाने का अनुभव रखते हैं।

गगनयान से लेकर अंतरिक्ष की उड़ान तक
वर्ष 2020 में शुभांशु शुक्ला को ISRO के गगनयान मिशन के लिए चुना गया था, जो भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना है। चार साल बाद, उनका सपना एक नए मुकाम पर पहुंचा है। शुभांशु ने कहा-मैं स्कूल में विंग कमांडर राकेश शर्मा के बारे में पढ़ता था, जिन्होंने 1984 में अंतरिक्ष की यात्रा की थी। आज उन्हीं की तरह मैं भी अंतरिक्ष की उड़ान भरने जा रहा हूं। यह मेरे लिए गर्व का क्षण है।

अंतरिक्ष तक पहुंचना सौभाग्य है
शुभांशु ने कहा-शुरुआत में मेरा सपना सिर्फ एक पायलट बनने का था, लेकिन जीवन ने मुझे अंतरिक्ष यात्री बनने की राह दिखाई। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे देश की सेवा करते हुए आसमान से आगे अंतरिक्ष तक पहुंचने का अवसर मिला।

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