गोवा अग्निकांड: नाइटक्लब के चार मालिकों में से एक अरेस्ट, बोला- मैं सिर्फ बिजनेस पार्टनर था; हादसे में 25 लोगों की मौत हुई थी

गोवा के मशहूर बिर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में 6 दिसंबर को लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। क्लब के चार मालिकों में से एक अजय गुप्ता को गोवा पुलिस ने दिल्ली से हिरासत में ले लिया।

Updated On 2025-12-10 12:17:00 IST

आरोपी अजय गुप्ता।

देश। गोवा के मशहूर बिर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में 6 दिसंबर को लगी भीषण आग में 25 लोगों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। क्लब के चार मालिकों में से एक अजय गुप्ता को गोवा पुलिस ने दिल्ली से हिरासत में ले लिया। आरोपी दिल्ली का रहने वाला है और क्लब में उसकी बड़ी फाइनेंशियल हिस्सेदारी बताई जा रही है।

बुधवार को क्राइम ब्रांच ऑफिस में पुलिस टीम ने उससे कड़ी पूछताछ की। मीडिया के सवालों से बचने के लिए उसने अपना चेहरा मास्क, टोपी और हुडी से ढंक रखा था। पूछने पर उसने कहा- "मैं सिर्फ बिजनेस पार्टनर हूं, मुझे ज्यादा कुछ नहीं पता।" पुलिस आरोपी को आज साकेत कोर्ट में पेश करेगी। ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जा सकता है।

हादसे के कुछ घंटों बाद ही क्लब के दो अन्य मालिक और सगे भाई सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा 7 दिसंबर को दिल्ली से थाईलैंड भाग गए थे। दोनों ने दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगा रखी है। इंटरपोल ने दोनों के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है ताकि उन्हें थाईलैंड में खोजकर अस्थायी हिरासत में लिया जा सके।

अजय गुप्ता को अस्पताल से किया गया हिरासत में

गोवा पुलिस अजय गुप्ता की तलाश में जब दिल्ली स्थित घर पहुंची, तो वह नहीं मिला। जांच में उसकी लोकेशन दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रेन एंड स्पाइन, लाजपत नगर में मिली।

सूत्रों के मुताबिक, आरोपी हरियाणा नंबर प्लेट वाली इनोवा कार में अस्पताल आया था उसने रीढ़ की हड्डी की समस्या का हवाला देकर खुद को भर्ती कराया। मेडिकल जांच के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है। इसके पहले गोवा पुलिस ने उसके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर और फिर गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया था।

गोवा सरकार ने बनाई जांच समिति

हादसे के बाद गोवा सरकार ने चार सदस्यीय मजिस्ट्रियल जांच समिति गठित की। नाइट क्लब, रेस्टोरेंट, बार और इवेंट वेन्यू के लिए नई सुरक्षा एडवाइजरी जारी की। लोगों का कहना है कि यदि क्लब में वैध NOC और सुरक्षा इंतजाम होते, तो मौतों की संख्या इतनी भयावह नहीं होती।

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