आतंकी डॉ. उमर का नया वीडियो: दिल्ली में हमला करने से पहले बनाया था; निश्चित समय और जगह पर जान देने का जिक्र
दिल्ली के लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए आत्मघाती कार धमाके में बड़ा खुलासा हुआ है। हमलावर डॉ. उमर-उन-नबी का ब्लास्ट से पहले का वीडियो सामने आया, जिसमें उसकी मानसिक तैयारी दिखती है। NIA ने ड्रोन-रॉकेट वाली हमास-स्टाइल साजिश भी बेनकाब की है। आठ गिरफ्तारियां, मॉड्यूल की तलाश तेज।
आतंकी डॉ. उमर
- आतंकी डॉ. उमर ने लाल किले में आत्मघाती बम विस्फोट करने से पहले खुद एक वीडियो रिकॉर्ड किया था।
- वीडियो में उमर हमले को “शहादत मिशन” बताता है और आत्मघाती हमलों के खिलाफ उठने वाले सामान्य सवालों को तर्कों से समझाता है।
- वीडियो के आखिर में कैमरे का एंगल एक खिड़की पर खत्म होता है, जहां से बाहर धुंध नजर आती है। इससे साफ लगता है कि ये वीडियो भी दिल्ली में ही शूट किया था।
दिल्ली के लाल किला क्षेत्र में 10 नवंबर को हुए भीषण आत्मघाती कार धमाके को लेकर जांच में नया और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। विस्फोट से ठीक पहले हमलावर डॉ. उमर-उन-नबी का एक वीडियो मिला है, जिसे उसने खुद रिकॉर्ड किया था। इस वीडियो में वह आत्मघाती हमले को एक विचारधारा की तरह पेश करने की कोशिश करता दिख रहा है, लेकिन उसकी बातें उसके ब्रेनवॉश और मानसिक असामान्यता को साफ उजागर करती हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार यह रिकॉर्डिंग इस बात का स्पष्ट सबूत है कि हमला पूरी तरह योजनाबद्ध था और हमलावर काफी समय से इसकी तैयारी कर रहा था।
वीडियो में डॉ. उमर आत्मघाती हमले को “लाइबेरिया ब्लास्ट” जैसा बताकर इसकी वैधता साबित करने की कोशिश करता है, जबकि वह खुद स्वीकार करता है कि ऐसा कृत्य किसी भी लोकतांत्रिक समाज या सभ्य व्यवस्था में स्वीकार्य नहीं हो सकता।
वह यह भी कहता है कि जब कोई व्यक्ति तय कर ले कि उसे एक निश्चित समय और जगह पर मरना ही है, तो वह अत्यंत खतरनाक मानसिक स्थिति में चला जाता है। जांच अधिकारियों का मानना है कि यह वीडियो आतंकी की टूटी हुई मानसिकता और चरमपंथी प्रभाव में आने का पुख्ता प्रमाण है। इसी बीच NIA की जांच में यह बड़ा खुलासा भी हुआ है कि पूरा “व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल” शुरुआत में हमास की तर्ज पर ड्रोन और छोटे रॉकेटों से हमला करने की योजना बना रहा था।
एजेंसी ने इस साजिश में अहम भूमिका निभाने वाले जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को श्रीनगर से गिरफ्तार किया है। दानिश के पास छोटे ड्रोन को हथियार में बदलने और उन्हें हाई-लोड क्षमता वाले धमाका-वाहक डिवाइस बनाने की तकनीकी विशेषज्ञता थी।
उसने डॉ. उमर को तकनीकी सहायता दी थी और भीड़भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन से बम गिराकर बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने की योजना तैयार कर रहा था। ड्रोन-रॉकेट हमले की यह योजना नाकाम होने के बाद आतंकियों ने आत्मघाती कार बम विस्फोट को अंतिम विकल्प के रूप में चुना।
हमले में इस्तेमाल i20 कार दिल्ली के एक व्यक्ति आमिर के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिसे जांच टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। इस धमाके में 15 लोगों की मौत हुई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए थे।
जम्मू-कश्मीर पुलिस अब तक इस मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। NIA फंडिंग, तकनीकी सपोर्ट और पूरे मॉड्यूल के अन्य सदस्यों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है। दिल्ली पुलिस और NIA की संयुक्त टीमें इस पूरे केस को गहराई से खंगाल रही हैं और जल्द ही पूरे नेटवर्क को उजागर करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।