PU छात्रसंघ चुनाव 2025: एबीवीपी ने रचा इतिहास, पहली बार अध्यक्ष पद पर बड़ी जीत
पंजाब यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव 2025 में एबीवीपी ने पहली बार अध्यक्ष पद पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। गौरव वीर सोहल ने 488 वोटों से चुनाव जीता।
पंजाब यूनिवर्सिटी: छात्रसंघ चुनाव 2025 में एबीवीपी ने रचा इतिहास।
Punjab University Students Union Election: पंजाब यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव 2025 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इतिहास रच दिया है। विश्वविद्यालय के इतिहास में ABVP ने पहली बार अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया है। एबीवीपी उम्मीदवार गौरव वीर सोहल ने 488 वोटों के बड़े अंतर से यह जीत दर्ज हासिल की है।
ऐतिहासिक जीत पर क्या बोले गौरव वीर?
गौरव को कुल 3,148 वोट मिले हैं। जबकि, स्टूडेंट फ्रंट (SF) के उम्मीदवार सुमित शर्मा को 2,660 वोट मिले हैं। छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए कुल आठ उम्मीदवार मैदान में थे। सभी पदों पर जट सिखों ने कब्जा जमाया है। गौरव ने अपनी जीत का श्रेय दोस्तों, परिजनों और संगठन के पदाधिकारियों को दिया। कहा, हमने छात्रों के रियल मुद्दों पर यह चुनाव लड़ा है।
पंजाब विश्वविद्यालय: नवनिर्वाचित पदाधिकारी
अध्यक्ष: गौरव वीर सोहल (ABVP)
उपाध्यक्ष: अश्मीत सिंह मान (SATH)
महासचिव: अभिषेक डागर (SOPU)
संयुक्त सचिव: मोहित मंडेरना (स्वतंत्र)
SOPU के अभिषेक डागर व SATH के अश्मीत मान
पंजाब यूनिवर्सिटी में 1977 से छात्रसंघ चुनाव होते आ रहे हैं, लेकिन यह पहला मौका है, जब यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े छात्र संगठन ABVP ने अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है। महासचिव पद पर अकाली दल समर्थित SOPU के अभिषेक डागर औउ उपाध्यक्ष पद SATH के अश्मीत मान ने जीत दर्ज की है।
छात्र राजनीति में बड़ा बदलाव
पंजाब यूनिवर्सिटी लंबे समय तक स्थानीय छात्र संगठनों का गढ़ रही है। इस बार कांग्रेस की भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई), आम आदमी पार्टी (आप) की एसोसिएशन ऑफ स्टूडेंट्स फॉर अल्टरनेटिव पॉलिटिक्स (एएसएपी) और शिरोमणि अकाली दल की स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसओआई) ने भी प्रत्याश उतारे, लेकिन इनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा। गत वर्ष एनएसयूआई के बागी और 2022 में आप की छात्र शाखा ने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार इनका खाता नहीं खुल पाया।
क्यों खास हैं पंजाब यूनिवर्सिटी के चुनाव?
पंजाब यूनिवर्सिटी चूंकि, चंडीगढ़ में स्थित है, जो पंजाब और हरियाणा की राजधानी है। चंडीगढ़ खुद केंद्र शासित प्रदेश के रूप में शासित है। ऐसे में पंजाब यूनिवर्सिटी के यह चुनाव न सिर्फ पंजाब, बल्कि हरियाणा के लिए भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। इन चुनावों पर पूरे उत्तर भारत की नजरें रहती हैं।