एयरबस के A320-फैमिली विमान ग्राउंड: तेज सोलर रेडिएशन का खतरा, भारत में 300+ उड़ानें प्रभावित; अपडेट हो रहा सॉफ्टवेयर

Airbus A320 फैमिली में सोलर रेडिएशन से ELAC-2 फॉल्ट के बाद दुनिया भर में 6,000 विमान ग्राउंड। भारत में 300+ उड़ानें रद्द/देरी, Indigo-Air India पर असर। यात्रियों को फ्लाइट स्टेटस चेक करने की सलाह।

Updated On 2025-11-29 15:05:00 IST

भारत में 250 A320 विमानों की तुरंत ग्राउंडिंग, उड़ानें प्रभावित

एयरबस ने अपने A320-फैमिली विमानों (A319, A320, A321) के लिए एक इमरजेंसी एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव (AD) जारी किया है। इसके बाद दुनिया भर की एयरलाइंस को लगभग 6,000 से अधिक A320-फैमिली विमान अस्थायी रूप से ग्राउंड करने पड़े हैं या उनमें तत्काल सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर अपग्रेड करना पड़ रहा है। अनुमान है कि कई देशों में बड़ी संख्या में उड़ानें देरी से चलेंगी या रद्द करनी पड़ सकती हैं।

भारत में इंडिगो और एयर इंडिया ग्रुप के पास सबसे बड़े A320 बेड़े हैं। कुल मिलाकर करीब 560 A320 सीरीज के एयरक्राफ्ट्स भारत में सक्रिय हैं, जिनमें से 200 से 250 विमानों को तत्काल सॉफ्टवेयर अपग्रेड की आवश्यकता होगी। जब तक यह अपडेट पूरा नहीं हो जाता, इन विमानों को उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे देश में आने वाले कुछ दिनों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर काफी दबाव बढ़ने की संभावना है।

यूरोपियन यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) ने भी इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए सभी ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे अपने विमानों में सर्विसेबल एलिवेटर एलरॉन कंप्यूटर (ELAC) की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

भारत पर असर

इंडिगो के पास A320-फैमिली के करीब 370 विमान हैं, जबकि एयर इंडिया ग्रुप के पास 167 विमान हैं। कुल मिलाकर भारत में 530 से ज्यादा A320-फैमिली विमान प्रभावित हुए हैं।

DGCA ने भी तुरंत एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव जारी कर दिया है जिसमें साफ कहा गया है- “जब तक निर्धारित सॉफ्टवेयर/हार्डवेयर अपडेट नहीं हो जाता, ऐसे किसी भी विमान को उड़ान की अनुमति नहीं दी जाएगी।”परिणामस्वरूप भारत में रोज़ाना 330 से अधिक उड़ानें या तो रद्द हुई हैं या देरी से चल रही हैं।

ELAC विमान के फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो एलिवेटर और एलरॉन की गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यदि इस कंप्यूटर में किसी भी प्रकार की डेटा गड़बड़ी हो जाए, तो विमान की स्थिरता और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

एयरबस की ओर से जारी सलाह के अनुसार सॉफ्टवेयर अपडेट का पूरा कार्य दो से तीन दिनों के भीतर पूरा किया जा सकता है। कंपनियों को उम्मीद है कि सभी प्रभावित विमानों को अधिकतम 2 दिसंबर तक फिर से उड़ान के लिए तैयार कर लिया जाएगा। हालांकि तब तक यात्रियों को देरी, पुन: शेड्यूलिंग और फ्लाइट कैंसिलेशन जैसी असुविधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

इंडिगो और एयर इंडिया ने यात्रियों की सुविधा के लिए अपने-अपने आधिकारिक प्लेटफॉर्म पर एडवाइजरी जारी की है। दोनों एयरलाइंस ने स्पष्ट किया है कि एयरबस द्वारा A320 सीरीज के लिए जारी की गई तकनीकी सलाह के बाद वे अपने विमानों में आवश्यक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर अपडेट तेजी से कर रही हैं। इस एहतियाती प्रक्रिया का सीधा असर उड़ानों के शेड्यूल पर पड़ सकता है, इसलिए यात्रियों को पहले से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

इंडिगो ने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि एयरबस ने A320 परिवार के लिए वैश्विक स्तर पर एक तकनीकी नोटिस जारी किया है। कंपनी ने बताया कि वह सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए अपने पूरे बेड़े में जरूरी अपडेट को प्राथमिकता दे रही है।

इंडिगो ने यह भी कहा कि इन अपडेट्स के चलते कुछ उड़ानों के समय में बदलाव संभव है, लेकिन उनकी टीमें यात्रियों की रीबुकिंग, जानकारी और सहायता के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेंगी। एयरलाइन ने यात्रियों से अनुरोध किया कि वे एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले अपने ऐप या वेबसाइट पर फ्लाइट की ताज़ा स्थिति अवश्य चेक करें।

एयर इंडिया ने भी X पर पोस्ट के जरिए स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह एयरबस के नवीनतम निर्देश से पूरी तरह अवगत है और उसके A320 बेड़े में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सुधार आवश्यक हैं। एयरलाइन ने माना कि इस प्रक्रिया से उनके नियमित संचालन में देरी हो सकती है और यात्री सेवाओं पर अस्थायी प्रभाव पड़ेगा।

एयर इंडिया ने यात्रियों से अपील की कि किसी भी असुविधा से बचने के लिए वे एयरपोर्ट जाने से पहले अपनी फ्लाइट की ताज़ा स्थिति वेबसाइट पर उपलब्ध फ्लाइट-स्टेटस लिंक के माध्यम से देख लें। एयरलाइन ने असुविधा के लिए खेद भी व्यक्त किया और जल्द से जल्द सामान्य संचालन बहाल करने का आश्वासन दिया।

वजह क्या है?

एक महीने पहले अमेरिकी एयरलाइन जेटब्लू की एक फ्लाइट में अचानक बिना किसी पायलट इनपुट के विमान का नोज अपने आप नीचे की ओर झुक गया (अनकमांडेड पिच-डाउन)। जांच में पता चला कि असामान्य रूप से तेज सोलर रेडिएशन (सौर विकिरण) की वजह से विमान के ELAC-2 (Elevator Aileron Computer-2) में डेटा करप्शन हो गया था।

ELAC-2 विमान के एलिवेटर और एलेरॉन को कंट्रोल करता है, यानी पूरी फ्लाइट स्टेबिलिटी इसी पर निर्भर करती है।

इस घटना के बाद यूरोपीय यूनियन एविएशन सेफ्टी एजेंसी (EASA) और फिर एयरबस ने सभी A320-फैमिली ऑपरेटरों के लिए अनिवार्य अपग्रेड निर्देश जारी किया।

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