अहमदाबाद प्लेन क्रैश: 265 मौतें, कई सवाल; हादसे की असली वजह क्या?
गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार (12 जून) को एयर इंडिया विमान टेकऑफ के 2 मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ। हादसे में 265 लोगों की मौत हुई। क्या तकनीकी खराबी, पायलट त्रुटि या सुरक्षा चूक थी? जानिए हादसे से जुड़े सभी बड़े अपडेट, जांच रिपोर्ट और विशेषज्ञों की राय...।
Ahmedabad plane crash: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार (12 जून) को एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ। भयावह हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। एयर इंडिया की लंदन जा फ्लाइट AI-171 टेक-ऑफ के 2 मिनट बाद जमीन पर गिरी। विमान आग का गोला बन गया। चारों तरफ धुआं-धुआं। हादसे में अब तक 265 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक विमान हादसा है। इस त्रासदी ने न केवल जनमानस को झकझोरा है, बल्कि प्रशासन, एयरलाइंस और एविएशन सुरक्षा एजेंसियों पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए जानें आखिर क्या थी हादसे की असली वजह?
प्रमुख सवाल जो जांच एजेंसियों के सामने?
क्या विमान तकनीकी खराबी का शिकार हुआ?
टेक-ऑफ के तुरंत बाद हादसे का होना संकेत देता है कि विमान में कोई गंभीर तकनीकी समस्या थी। सवाल उठता है कि क्या ड्रीमलाइनर 787 की मेंटेनेंस रिपोर्ट में कुछ अनदेखा किया गया?
एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) की भूमिका क्या रही?
क्या विमान ने टेक-ऑफ से पहले या उड़ान के दौरान कोई आपात संदेश भेजा? अगर भेजा, तो ATC की प्रतिक्रिया में देरी क्यों हुई?
पायलटों का निर्णय सही था या नहीं?
क्या पायलटों को इंजन या नेविगेशन से जुड़ी कोई चेतावनी मिली थी? क्या वे रनवे छोड़ने से पहले विमान की स्थिति को लेकर पूरी तरह आश्वस्त थे?
क्या मौसम हादसे की वजह बना?
क्या उड़ान के समय मौसम खराब था? कुछ चश्मदीदों ने दावा किया कि आसमान में घना कोहरा था और अचानक बिजली कड़कने लगी थी।
क्या कोई आतंकी एंगल या सुरक्षा चूक थी?
कई यात्रियों की विदेशी नागरिकता और पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की उपस्थिति को देखते हुए यह भी जांच हो रही है कि क्या यह हादसा किसी आतंकी साजिश का हिस्सा था?
विमान में विस्फोट हुआ या वह सीधा इमारत से टकराया?
प्रत्यक्षदर्शियों ने एक जोरदार धमाके की आवाज बताई है। यह धमाका ईंधन विस्फोट का था या पहले से कोई आगजनी हुई थी, यह जांच का विषय है।
संभावित कारण, जिन पर चल रही जांच
- तकनीकी खराबी: इंजन फेलियर, हाइड्रोलिक सिस्टम की गड़बड़ी, या इलेक्ट्रॉनिक नेविगेशन सिस्टम में गड़बड़ी।
- मानव त्रुटि (Human Error): पायलट का गलत निर्णय, उड़ान भरने से पहले निरीक्षण में चूक।
- मौसम की खराबी: घना कोहरा, तेज हवा या विजिबिलिटी कम होना।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर खामी: रनवे की सतह, अवरोधक निर्माण या पास की इमारतों का गलत डिज़ाइन
- सुरक्षा चूक या हमला: आतंकी हमला, विमान में विस्फोटक पदार्थ की संभावना
- ओवरलोडिंग या सेंसर फेल: वजन संतुलन में गड़बड़ी या उपकरण का गलत रीडिंग देना
राहत और बचाव कार्य
भारतीय सेना, वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमें हादसे के तुरंत बाद मौके पर पहुंचीं। 500 से अधिक कर्मी राहत कार्य में लगे हुए हैं। अभी तक दर्जनों शवों की शिनाख्त की जा चुकी है, लेकिन कई शव बुरी तरह जले या क्षत-विक्षत हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया और जांच
- प्रधानमंत्री कार्यालय ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयर इंडिया और डीजीसीए से 7 दिन में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
- ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर को बरामद कर लिया गया है, जिसकी डीकोडिंग की जा रही है।
क्या कहते हैं एविएशन विशेषज्ञ?
पूर्व DGCA अधिकारी कपिल अग्रवाल के मुताबिक, इतनी बड़ी संख्या में मौतें और टकराव का पैटर्न यह संकेत देता है कि या तो पायलट ने नियंत्रण खो दिया या विमान में टेक्निकल फेलियर इतना गंभीर था कि वह रिकवर नहीं हो सका।
शुरुआती संकेत..इंजन फेल होना
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पूर्व ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. सनत कौल के मुताबिक, फिलहाल हादसे की सही वजह बताना जल्दबाज़ी होगी। शुरुआती संकेत इंजन फेल होने की ओर इशारा करते हैं, क्योंकि विमान उड़ान भरने के तुरंत बाद गिरा। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर आमतौर पर विश्वसनीय विमान है। असली कारण जांच के बाद ही पता चलेगा। एविएशन एक्सपर्ट संजय लजार के अनुसार, वीडियो में टेकऑफ के तुरंत बाद मेडे कॉल (आपातकालीन संकेत) देखा गया, जो संभावित इंजन फेलियर या बर्ड हिट की ओर संकेत करता है। लेकिन यह केवल अनुमान है; सच्चाई जांच रिपोर्ट से ही सामने आएगी।