Sleeping Issue at Night: रात के वक्त नहीं आती गहरी नींद, शरीर में हो सकती है ये समस्या

Sleeping Issue at Night: रात में नींद न आना सिर्फ थकान नहीं, बल्कि शारीरिक या मानसिक समस्या का संकेत हो सकता है। जानें इसके कारण और गहरी नींद लाने के उपाय।

Updated On 2025-10-30 22:00:00 IST

रात को नींद नहीं आने की समस्या (Image: grok)

Sleeping Issue at Night: कई बार ऐसा होता है कि हम थके हुए बिस्तर पर तो चले जाते हैं, लेकिन नींद जैसे आंखों से रूठ जाती है। करवटें बदलते-बदलते रात बीत जाती है और सुबह उठते ही थकान, चिड़चिड़ापन और सिरदर्द महसूस होता है। यह समस्या अगर कभी-कभार होती है तो चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर रोजाना नींद पूरी न होना आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है, तो यह शारीरिक या मानसिक समस्या का संकेत हो सकता है।

दिल्ली में स्थित सर गंगा राम अस्पताल के डॉ. संजय मनचंदा का कहना है कि, “आजकल लोगों की अनियमित दिनचर्या, तनाव, और देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप पर समय बिताने की आदत नींद की सबसे बड़ी दुश्मन बन चुकी है। अगर लगातार नींद पूरी नहीं हो रही है, तो यह शरीर में हार्मोनल असंतुलन, थकान, और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकती है।

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नींद की कमी की वजह से क्या होता है

नींद सिर्फ आराम का समय नहीं होती, बल्कि यह हमारे शरीर की मरम्मत का समय होता है। जब हम सोते हैं, तब शरीर कोशिकाओं की मरम्मत करता है, दिमाग जानकारी को व्यवस्थित करता है और ऊर्जा दोबारा संचित होती है।

  • याददाश्त कमजोर पड़ने लगती है।
  • चेहरा मुरझाया और थका हुआ दिखने लगता है।
  • पेट की गड़बड़ी और हार्मोन असंतुलन बढ़ने लगता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है।

शरीर में पोषक तत्वों की कमी

बहुत से लोग यह नहीं जानते कि गहरी नींद का संबंध हमारे खानपान से भी जुड़ा हुआ है। अगर शरीर में कुछ खास तत्वों की कमी हो जाए तो दिमाग को सही संकेत नहीं मिलते, जिससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

  • मैग्नीशियम की कमी: यह तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और नींद लाने में मदद करता है। इसकी कमी से बेचैनी और नींद की दिक्कत हो सकती है।
  • विटामिन डी की कमी: सूरज की रोशनी की कमी से यह विटामिन घट जाता है, जिससे नींद का पैटर्न बिगड़ सकता है।
  • आयरन की कमी: इससे थकान और ‘रेस्टलेस लेग सिंड्रोम’ जैसी परेशानी होती है, जिसमें नींद में पैर हिलने लगते हैं।

मानसिक तनाव और चिंता

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हर कोई किसी न किसी मानसिक दबाव से गुजर रहा है। काम का तनाव, निजी जीवन की चिंताएं और सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग हमारे दिमाग को कभी ‘आराम मोड’ में आने ही नहीं देता। तनाव के कारण शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है, जो नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन के संतुलन को बिगाड़ देता है।

मोबाइल और स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग

रात को सोने से पहले मोबाइल चलाना आज लगभग सभी की आदत बन चुकी है। लेकिन फोन की नीली रोशनी (ब्लू लाइट) दिमाग में मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को रोक देती है। इस कारण दिमाग को यह संकेत ही नहीं मिलता कि अब आराम करने का समय है।

कुछ बीमारियां जो नींद को प्रभावित करती हैं

  • थायरॉयड की समस्या – अधिक सक्रिय थायरॉयड हार्मोन से बेचैनी और नींद में रुकावट हो सकती है।
  • डायबिटीज (मधुमेह) – रक्त शर्करा का असंतुलन नींद के दौरान बार-बार उठने का कारण बन सकता है।
  • ब्लड प्रेशर और हृदय रोग – शरीर में रक्त संचार की असमानता से नींद प्रभावित होती है।

गहरी नींद के लिए अपनाएं ये उपाय

  • सोने से पहले हल्का गुनगुना दूध पिएँ – इसमें मौजूद ट्रिप्टोफैन नींद लाने में मदद करता है।
  • रोज 10 मिनट ध्यान या प्राणायाम करें, इससे मानसिक शांति मिलती है।
  • कमरे की रोशनी बंद रखें और मोबाइल दूर रखें।
  • सोने का एक निश्चित समय तय करें और हर दिन उसी समय सोएँ-जागें।
  • रात का खाना हल्का रखें और कैफीन या चाय-कॉफी से परहेज करें।

गहरी नींद केवल एक आदत नहीं, बल्कि शरीर की ज़रूरत है। जब आप सही नींद लेते हैं, तो शरीर और मन दोनों तरोताजा महसूस करते हैं। अगर रातों को नींद नहीं आ रही है, तो इसे हल्के में न लें। अपने खानपान, दिनचर्या और मानसिक स्थिति पर ध्यान दें। थोड़े से बदलाव और प्राकृतिक उपायों के साथ आप फिर से पा सकते हैं वह सुकूनभरी नींद, जो आपके दिन को ऊर्जावान और जीवन को स्वस्थ बना देगी।

(Disclaimer): इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य ज्ञान के लिए है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। नींद से जुड़ी किसी भी गंभीर समस्या, लगातार थकान, या अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने पर अपने चिकित्सक या विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

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