Parenting Tips: बात-बात में गुस्सा करता है बच्चा? इन 5 तरीकों से सिखाएं पॉजिटिव एनर्जी में बदलना एंगर

Parenting Tips: कई बार बच्चे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करते नजर आते हैं। ऐसे में कुछ पैरेंटिंग टिप्स की मदद से उनके गुस्से को पॉजिटिव एनर्जी में तब्दील कर सकते हैं।

Updated On 2025-11-11 15:00:00 IST

बच्चे का गुस्सा कंट्रोल करने के टिप्स।

Parenting Tips: आजकल बच्चे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगते हैं। कभी मोबाइल छीनने पर, तो कभी पढ़ाई के लिए कहने पर। कई बार ये एंगर आदत बन जाता है, जिससे बच्चे की सोच, व्यवहार और आत्मविश्वास पर असर पड़ता है। लेकिन अगर सही तरीके से संभाला जाए तो यही गुस्सा एक पॉजिटिव मोटिवेशन में बदल सकता है।

पैरेंट्स अगर बच्चों की इमोशनल जरूरतों को समझकर सही गाइडेंस दें, तो गुस्से को शांत किया जा सकता है। आइए जानते हैं 5 आसान पैरेंटिंग टिप्स जो बच्चे के गुस्से को पॉजिटिव एनर्जी में बदलने में मदद कर सकते हैं।

5 टिप्स से बच्चे का एंगर कंट्रोल करें

बच्चे को अपनी भावनाएं समझने दें: बच्चों को यह सिखाएं कि गुस्सा आना सामान्य है, लेकिन उसे कैसे एक्सप्रेस करना है, यह ज्यादा जरूरी है। उनसे कहें कि जब वे नाराज हों, तो गहरी सांस लें या कुछ देर अकेले रहें। यह तरीका उन्हें अपनी फीलिंग्स को कंट्रोल करने में मदद करेगा।

पॉजिटिव एक्टिविटीज में लगाएं: गुस्से के समय बच्चों को खेल, पेंटिंग, म्यूजिक या योग जैसी एक्टिविटीज में शामिल करें। ये चीजें उनका ध्यान भटकाने के साथ-साथ अंदर की ऊर्जा को पॉजिटिव दिशा में ले जाती हैं। इससे बच्चों का मूड जल्दी शांत होता है।

खुद रहें शांत और धैर्यवान: बच्चे वही करते हैं जो वे देखते हैं। अगर पैरेंट्स खुद शांत रहेंगे, तो बच्चा भी गुस्से में रिएक्ट करना छोड़ देगा। गुस्से की स्थिति में पैरेंट्स अगर प्यार से बात करें, तो बच्चा सीखता है कि हर बात का जवाब चिल्लाकर नहीं दिया जाता।

बच्चे की बात को ध्यान से सुनें: अक्सर बच्चे इसलिए गुस्सा करते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी बात सुनी नहीं जा रही। पैरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चे की भावनाओं को सुने और उसे भरोसा दें कि उसकी बात मायने रखती है। यह छोटी-सी कोशिश बड़ी राहत देती है।

अच्छे व्यवहार की सराहना करें: जब बच्चा बिना गुस्सा किए स्थिति संभाले, तो उसकी तारीफ करें। पॉजिटिव रीइन्फोर्समेंट से बच्चा समझता है कि शांत रहना भी गर्व की बात है। धीरे-धीरे उसका आत्म-नियंत्रण बढ़ता है और गुस्सा कम होने लगता है।

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